चंदौली क्राइम ब्रांच सहित 19 पुलिसकर्मियों पर कोर्ट ने दिया मुकदमे का आदेश, आखिर क्यों?
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वप्न आनंद ने सिपाही अनिल कुमार सिंह के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए चंदौली तत्कालीन क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर सहित 19 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR के आदेश दिए हैं. वहीं, इस आदेश के बाद से ही पूरे पुलिस महकमे हड़कंप मच गया है.
गाजीपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) स्वप्न आनंद की अदालत ने बर्खास्त मुख्य सिपाही अनिल कुमार सिंह के द्वारा दाखिल किए गए 156 (3) के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए चंदौली के तत्कालीन क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर सहित 19 पुलिस कर्मियों के खिलाफ 21 सितंबर को थाना नंदगंज में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश पुलिस को दिया है. साथ ही जांच का भी आदेश दिया है. CJM कोर्ट के द्वारा आदेश जारी होने के बाद से ही पुलिस विभाग में खलबली मची हुई है, क्योंकि मामला हाई प्रोफाइल है और इसमें इंस्पेक्टर, दारोगा और कांस्टेबल तक शामिल हैं.
अदालत में दिए गए प्रार्थना पत्र में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक चंदौली और प्रभारी निरीक्षक पर पद का दुरुपयोग कर प्रतिमाह नियम विरुद्ध वसूली करने का आरोप लगाया गया है. वसूली की लिस्ट को आवेदक अनिल कुमार सिंह ने वायरल कर किया गया था, जिससे नाराज होकर तत्कालीन एसपी चंदौली ने 28 फरवरी 2021 को कांस्टेबल अनिल को बर्खास्त कर दिया था, लेकिन कोर्ट के आदेश पर उसकी सेवा बहाल हुई और मौजूदा समय में वह वाराणसी में कार्यरत है.
सिपाही अनिल का हुआ था अपहरण
अनिल कुमार सिंह के वकील मन्नू लाल ने बताया कि आवेदक को कुछ ने लोगों ने सादी वर्दी में 5 सितंबर 2021 को उसके ससुराल नंदगंज थाना क्षेत्र के बड़हरा गांव से अपहरण कर लिया था. अपहरण का पता चलते ही सिपाही अनिल की पत्नी खुशबू ने डायल-112 पर कॉल कर घटना की जानकारी दी. वकील मुन्नू लाल ने बताया कि अपहरण करने के बाद उसे तीन दिन तक कहीं अज्ञात जगह पर रखा गया था और बाद में उसे गो हत्या के मामले में जेल भेज दिया गया था.
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कार्रवाई ने होने पर की शिकायत
वहीं, बाद में उसकी सेवा समाप्ति भी कर दी गई, लेकिन जब वह जमानत पर बाहर आया, तब उसने कोर्ट का सहारा लिया. उसकी शिकायत पर पुलिस विभाग के सतर्कता विभाग ने भी जांच की और उसकी शिकायत को सही पाते हुए अपनी पूरी रिपोर्ट भी विभाग को सौंप थी. बावजूद इसके पुलिस विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. मामले में कार्रवाई न होने पर सिपाही अनिल कुमार सिंह ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया.
कोर्ट ने 19 लोगों के खिलाफ दिए FIR के आदेश
प्रार्थना पत्र में बताया गया कि भ्रष्टाचार उजागर करने के मामले में चार लोगों की हत्या हो चुकी थी और उसका अपहरण भी हत्या की नीयत से ही किया गया था. गाजीपुर कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश में इंस्पेक्टर लेकर सिपाही सहित कुल 19 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश है.