ये 8 करवाएंगे गोल्ड निवेशकों के ‘ठाठ’, शेयर बाजार से रहें संभलकर वर्ना लग जाएगी वाट

ये 8 करवाएंगे गोल्ड निवेशकों के ‘ठाठ’, शेयर बाजार से रहें संभलकर वर्ना लग जाएगी वाट

बीते एक साल को देख ले तो गोल्ड ने निवेशकों को 20 फीसदी का भारी भरकम रिटर्न दिया है. जबकि इस साल 10 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दे चुका है. वहीं सेंसेक्स इस साल 2 फीसदी से ज्यादा टूटा है.

यहां से आने वाला एक साल अगर शेयर बाजार निवेशकों के लिए कमाई वाला रहने वाला है तो शेयर बाजार निवेशकों के लिए मायूसी हाथ लग सकती है. कारण एक नहीं बल्कि आठ हैं. जिनकी वजह से जहां गोल्ड में निवेश करने वालों के ठाठ हो सकते हैं तो शेयर बाजार निवेशकों की वाट भी लग सकती है. बीते एक साल को देख ले तो गोल्ड ने निवेशकों को 20 फीसदी का भारी भरकम रिटर्न दिया है. जबकि इस साल 10 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दे चुका है. वहीं सेंसेक्स इस साल 2 फीसदी से ज्यादा टूटा है. जिसके और टूटने के आसार दिखाई दे रहे हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वो कौन से आठ कारण हैं, जिसकी वजह से गोल्ड के निवेशकों को मोटी कमाई हो सकती है.

70 हजार हो सकते हैं दाम

अगले एक साल में गोल्ड के दाम में 70 हजार रुपये प्रति दस ग्राम पर जा सकते हैं. आंकड़ों के अनुसार अगले अक्षय तृतीया तक गोल्ड के दाम में 15 से 20 फीसदी की तेजी देखने को मिल सकती है. इसके पीछे के कई कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन सबसे अहम कारण फेड पॉलिसी का पॉज और डॉलर इंडेक्स में गिरावट को माना जा रहा है. इन दो प्रमुख कारणों की वजह से गोल्ड के दाम को सपोर्ट मिलता हुआ दिखाई देगा. दूसरी ओर जियो पॉलिटिकल टेंशस की वजह से भी तेजी देखने को मिल सकती है. इसके अलावा शेयर बाजार में गिरावट की वजह से निवेशकों का रुख सर्राफा की ओर मुड़ सकता है.

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8 कारणों की वजह से गोल्ड में होगा इजाफा

फेड पॉलिसी का दिखेगा असर

फेड रिजर्व अपनी पॉलिसी रेट में पॉज बटन दबा सकता है. यह पॉज पूरे साल रहने की संभावना है. जिसकी वजह से गोल्ड के दाम को सपोर्ट मिलता हुआ दिखाई दे सकता है. बीते एक साल से ज्यादा समय से फेड पॉलिसी रेट में इजाफा कर रहा है. जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स में तेजी देखने को मिली थी और गोल्ड के दाम में गिरावट आई थी.

महंगाई का दिखाएगी रंग

ग्लोबल इंफ्लेशन अभी बना रह सकता है. इसके दो प्रमुख कारण यूक्रेन-रूस वॉर औार क्रूड ऑयल प्रोडक्शन बताए जा रहे हैं. हाल ही में ओपेक प्लस ने क्रूड ऑयल प्रोडक्शन में कटौती की है. जिसका असर दुनिया में साफ देखने को मिल सकता है. पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ेंगे. इसका फायदा गोल्ड निवेशकों को मिलता हुआ दिखाई दे सकता है.

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मंदी का खौफ

जब भी दुनिया में इकोनॉमिक रिसेशन देखने को मिलता है तो पूरी दुनिया में इसका देखने को मिलता है. आईएमएफ से लेकर वल्र्ड बैंक तक ने ग्लोबल ग्रोथ रेट में कटौती की है. जिसकी वजह से मंदी के आसार बढ़ गए हैं. आईएमएफ ने इस साल की शुरूआत में कहा था कि दुनिया का हर तीसरा आदमी मंदी की चपेट में दिखाई दे सकता है.

जियो पॉलिटिकल टेंशन

जियो पॉलिटिकल टेंशन भी गोल्ड में निवेश करने वालों को प्रोत्साहित करता है. जिसकी वजह से सोने के दाम में इजाफा देखने को मिलता है. मौजूदा समय में चीन और अमेरिका में नए तरीका का कोल्ड वॉर शुरू हो चुका है. ​रूस और युक्रेन के बीच जो चल रहा है वो किसी से छिपा नहीं है. नॉर्थ कोरिया और अमेरिका और खाड़ी देशों के बीच टेंशन गोल्ड के दाम को 7वें आसमान में पहुंचाने के लिए काफी है.

गोल्ड ईटीएफ की डिमांड

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार खुदरा निवेशकों की ओर से भारी खरीद और स्लो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के आउटफ्लो की मदद से केंद्रीय बैंक की भारी खरीदारी से सालाना सोने की मांग 11 साल के हाई पर पहुंच गई.

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सेंट्रल बैंकों की डिमांड में इजाफा

इकोनॉमिक क्राइसिस के दौरान सेंट्रल बैकों की ओर से गोल्ड की डिमांड में इजाफा हो जाता है. साल 2022 में सेंट्रल बैंकों ने लगभग 70 बिलियन डॉलर का सोना खरीदा था, जो 1950 के बाद से सबसे ज्यादा देखने को मिला है. इस साल यह आंकड़ा 100 अरब डॉलर के पार जा सकता है.

चीन की ओर से बढ़ेगी डिमांड

चीन दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर है. पिछले साल तक चीन जीरो कोविड पॉलिसी में जकड़ा हुआ था. जिसकी वजह से उसे काफी नुकसान हुआ. इस साल की शुरूआत में चीन ने अपनी पॉलिसी को हटाते हुए सब कुछ ओपन कर दिया है. जिसकी वजह अब चीन की ओर से गोल्ड की डिमांड में इजाफा देखने को मिल सकता है.

शेयर बाजार में गिरावट

साल 2023 शेयर बाजार के लिए कुछ खास नहीं रहा है. अभी तक इसमें 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जिसके और भी गिरने के आसार हैं. जानकारों की मानें इकोनॉमिक क्राइसिस के दौरान शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिलेगी. जिसकी वजह से निवेशक गोल्ड की ​ओर मुढ़ सकते हैं.