गोरखपुर: गीता प्रेस में 87 साल बाद फिर छपी श्रीकृष्ण लीला दर्शन, इस पुस्तक में क्या है खास?

गोरखपुर: गीता प्रेस में 87 साल बाद फिर छपी श्रीकृष्ण लीला दर्शन, इस पुस्तक में क्या है खास?

गीता प्रेस ने पाठकों की मांग पर पुस्तक को दोबारा प्रकाशन करने का निर्णय लिया. गीता प्रेस के मैनेजर लालमणि तिवारी ने बताया कि इस पुस्तक को दोबारा पाठकों के लिए लाया गया है. इसमें पाठक शब्दों के साथ-साथ कृष्ण लीला को चित्र के माध्यम से समझ सकेंगे.

गोरखपुर स्थित विश्व विख्यात गीता प्रेस में 87 साल के बाद अब फिर से श्री कृष्ण लीला दर्शन पुस्तक का प्रकाशन शुरू हो गया है. यह पुस्तक पहली बार 1938 में प्रकाशित हुई थी. इस पुस्तक में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं को और अधिक प्रभावी तरीके से दिखाया जाए, इसके लिए गीता प्रेस ने पहली बार आर्ट पेपर पर रंगीन चित्रों के साथ इस पुस्तक को प्रकाशित किया है. 1938 में पहली बार जब इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया, तब बाजार में इसकी कीमत 2.50 रुपए थी. 256 पृष्ठों की इस पुस्तक में श्री कृष्ण की लीलाओं को शब्दों के साथ-साथ रंगीन चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है.

गीता प्रेस ने अभी श्री कृष्ण लीला दर्शन पुस्तक की 3000 प्रतियां प्रकाशित की हैं, जिसमें 50 प्रतियां नेपाल भेजी गई हैं. इस पुस्तक की रचना संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी ने की थी. पहले की श्री कृष्ण लीला दर्शन पुस्तक में केवल लेख थे, लेकिन इस बार गीता प्रेस ने शब्दों के साथ-साथ चित्र भी दर्शाया है, जिससे इसे पढ़ने वाले पाठकों को आनंद मिले. इस पुस्तक में श्री कृष्ण के जन्म से लेकर बाल लीलाओं को चित्रों के माध्यम से भी दिखाया गया है. इन पुस्तकों को नेपाल के साथ-साथ भारत में गीता प्रेस की शाखाओं में भेजा गया है.

पाठकों की मांग पर दोबारा छापी गई

गीता प्रेस ने पाठकों की मांग पर पुस्तक को दोबारा प्रकाशन करने का निर्णय लिया. मीडिया से बात करते हुए गीता प्रेस के मैनेजर लालमणि तिवारी ने बताया कि इस पुस्तक को दोबारा पाठकों के लिए लाया गया है. इसमें पाठक शब्दों के साथ-साथ कृष्ण लीला को चित्र के माध्यम से समझ सकेंगे. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया था. दोबारा पाठकों की मांग होने पर इसे प्रकाशित किया गया है.

3,000 प्रतियां छापी गईं

इस संस्करण में उच्च गुणवत्ता के चित्रों का समावेश किया गया है, जिससे पाठकों को श्री कृष्ण की लीलाओं को समझने में आसानी होगी. इसे और आकर्षक बनाने के लिए गीता प्रेस प्रशासन में पहली बार आर्ट पेपर पर प्रकाशित किया है. इस पुस्तक में भगवान श्री कृष्ण के लीलाओं को और अधिक प्रभावित तरीके से दिखाया गया है. उन्होंने बताया कि गीता प्रेस ने अभी 3,000 प्रतियां प्रकाशित की हैं, जिसमें 50 प्रतियों को नेपाल भेजा गया है. इस पुस्तक में 256 पृष्ठों में श्री कृष्ण की लीलाओं को शब्दों और चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है.