कांग्रेस MLA जिग्नेश मेवाणी को कोर्ट से मिली बड़ी राहत, 2017 के मेहसाणा रैली मामले में बरी
Gujarat News: मेहसाणा जिला और सत्र कोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और नौ अन्य को पुलिस की अनुमति के बिना 2017 जुलाई में मेहसाणा शहर से आयोजित एक रैली से संबंधित मामले में बरी कर दिया है.
गुजरात: कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी को कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है. मेहसाणा जिला और सत्र कोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और नौ अन्य को पुलिस की अनुमति के बिना 2017 जुलाई में मेहसाणा शहर से आयोजित एक रैली से संबंधित मामले में बरी कर दिया है. बता दें कि बरी किए गए लोगों में एनसीपी की पूर्व सदस्य और अब आप की गुजरात प्रवक्ता रेशमा पटेल भी शामिल हैं. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के मामले को बेतुका बताया है. दरअसल मई 2022 में जिग्नेश और 9 अन्य को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए तीन महीने के कारावास की सजा सुनाई थी.
मजिस्ट्रेटी अदालत के फैसले के बाद जिला और सत्र अदालत में दो अपीलें दायर की गईं थीं. जिसके बाद आज फैसला सुनाते हुए जिला और सत्र अदालत ने सभी 10 लोगों को इस मामले में बरी कर दिया है. एडीजे पवार की कोर्ट ने माना कि जिस समय ये रैली निकाली गई उस वक्त कोई नुकसान नहीं हुआ, पुलिस को किसी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया और ना ही सीआरपीसी के तहत कोई धारा 144 लागू थी. जिसके बाद कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के मामले को निराधार करार देते हुए सभी को बरी करने के आदेश दे दिए.
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि 12 जुलाई 2017 को उना में कुछ दलितों की सार्वजनिक हुई पिटाई के मामले को लेकर राज्य में बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ था. इसी क्रम में मेवाणी और उनके सहयोगियों ने भी मेहसाणा से धनेरा तक एक रैली निकाली थी. इसी के ही साथ कौशिक परमार ने मेहसाणा के कार्यकारी मजिस्ट्रेट से जिग्नेश मेवाणी द्वारा स्थापित संगठन राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के बैनर तले रैली की अनुमति भी मांगी थी, हालांकि शुरूआत में अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में प्राधिकरण द्वारा इसे रद्द कर दिया गया था. अनुमति रद्द होने के बाद भी रैली आयोजकों द्वारा की गई थी.
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