80% विधायकों का समर्थन है, इससे बड़ी बात और क्या होगी- बोले सीएम सुक्खू
सीएम सुक्खू ने बीजेपी पर प्रदेश की सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ना ही उनकी सरकार को कोई खतरा है और न ही वो ब्लैक मेलिंग से डरते हैं. सीएम ने कहा कि हिमाचल की संस्कृति में ऐसा पहली बार हुआ है जब ईमान को बेचा गया है.
हिमाचल प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर सूबे की कांग्रेस सरकार को संकट में डाल दिया है. और ये संकट अभी भी बरकरार है. इस बीच प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने बीजेपी की तारीफ कर सुक्खू सरकार को पशोपेश में डाल दिया है. प्रतिभा सिंह का कहना है कि बीजेपी का काम कांग्रेस से बेहतर है. इसके साथ ही उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को सभी को साथ लेकर चलने की बात भी कही.इस बात पर सीएम सुक्खू का कहना है कि एक शख्स के पास 80% विधायकों का समर्थन है इससे बड़ी और क्या बात हो सकती है. सीएम ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि आखिर प्रतिभा सिंह ने ऐसा क्यों कहा.
एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए सीएम सुक्खू ने बीजेपी पर प्रदेश की सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ना ही उनकी सरकार को कोई खतरा है और न ही वो ब्लैक मेलिंग से डरते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने उन्हें पांच साल का बहुमत दिया है, और सरकार को अभी 14 महीने ही हुए हैं. सीएम ने कहा कि वो दावे के साथ कह सकते हैं कि उनकी सरकार पांच सालों तक चलेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जो षड्यंत्र रचा है वो सफल नहीं होगा.
‘ईमान बेचने वाले अब पश्चाताप कर रहे’
सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की संस्कृति में ऐसा पहली बार हुआ है जब ईमान को बेचा गया है. उन्होंने कहा कि वो विधायक अब पश्चाताप कर रहे हैं. उनके परिवार के लोग भी दुखी हैं. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई है. खरीद फरोख्त करके बीजेपी का प्रत्याशी राज्यसभा में जाएगा ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.
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विक्रमादित्य फेसबुक प्रोफाइल से हटाया कांग्रेस शब्द
इस बीच कांग्रेस ने अपने 6 बागी विधायकों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है. वहीं बीते दिनों इस्तीफे की पेशकश करने वाले विक्रमादित्य सूबे के मुख्यमंत्री से नाराज हैं. उन्होंने अपने फेसबुक प्रोफाइल से कांग्रेस शब्द हटा लिया है. इसकी जगह उन्होंने हिमाचल का सेवक लिखा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या विक्रमादित्य पार्टी बदलने की सोच रहे हैं. दरअसल जब विक्रमादित्य ने पार्टी से इस्तीफा की पेशकश की थी तब उन्होंने राज्य सरकार पर विधायकों की अनदेखी का आरोप लगाया था. हालांकि बाद में उन्होंने उन्होंने यह पेशकश वापस ले ली थी.
प्रतिभा सिंह ने संगठन की मजबूती पर दिया जोर
हिमाचल में कांग्रेस सरकार बचाने की जद्दोजहद कर रही है. वहीं उसके अपने साथी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. पहले विक्रमादित्य और अब उनकी मां और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने सरकार के कामकाज पर सवालिया निशान लगाए हैं. उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस में बहुत सी चीजें की जानी बाकी हैं. उन्होंने सीएम से संगठन को मजबूत करने को कहा है. सिंह ने कहा कि ये एक कठिन समय है, लोकसभा चुनाव में पार्टी बीजेपी का तभी मुकाबला कर सकती है जब संगठन मजबूत होगा.
राज्यसभा चुनाव में 6 विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग
आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के पक्ष में मतदान न कर बीजेपी के पक्ष में वोट किया था. प्रदेश में 40 सदस्यों वाली कांग्रेस के कुल 34 विधायकों ने ही कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था. बाद में टॉस में कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई थी.