बिकने वाली है अनिल अंबानी की ये कंपनी, Hinduja Group खरीदने के लिए ऐसे जुटा रहा ₹6660 करोड़
उद्योगपति अनिल अंबानी की एक और कंपनी जल्द बिकने वाली है. उनके इस कारोबार का अधिग्रहण हिंदुजा ग्रुप करने जा रहा है, जो अभी ₹6660 करोड़ रुपये जुटाने में लगा है. हिंदुजा समूह ऑटोमोबाइल सेक्टर की बड़ी कंपनी है, जो अशोक लीलैंड जैसे ब्रांड नाम के साथ कमर्शियल व्हीकल बनाती है.
मुकेश अंबानी के भाई अनिल अंबानी के सभी कारोबार एक-एक करके बिकने की कगार पर पहुंच गए हैं. कभी देश की टॉप टेलीकॉम कंपनियों में से एक रिलायंस कम्युनिकेशंस चलाने वाले अनिल अंबानी के बिजनेस का क्राउन रही ‘रिलायंस कैपिटल’ भी बिकने वाली है. इस कंपनी का अधिग्रहण ‘हिंदुजा ग्रुप’ करने जा रहा है, जिसके लिए उसने ₹6660 करोड़ रुपये की रकम जुटाने का काम शुरू कर दिया है.
इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने खबर दी है कि हिंदुजा ग्रुप 80 करोड़ डॉलर जुटाने की कवायद कर रहा है, ताकि रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण को अंजाम दिया जा सके. कंपनी इसके लिए प्राइवेट क्रेडिट फंड के माध्यम से पैसा जुटाने की कोशिश कर रही है. हालांकि इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी है.
RBI ने टेकओवर की रिलायंस कैपिटल
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल एक समय में देश की सबसे बड़ी प्राइवेट फाइनेंस कंपनी थी. ये एक शेडो बैंक की तरह काम करती थी, यहां तक कि सरकार के पीएफ फंड का एक हिस्सा भी उनकी कंपनी संभाला करती थी. रिलायंस कैपिटल का ही हिस्सा रही ‘रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी’ देश की सबसे बड़ी प्राइवेट जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में से एक थी.
साल 2021 में रिलायंस कैपिटल को केंद्रीय बैंक (RBI) ने टेकओवर कर लिया था. इसकी वजह कुछ सालों के भीतर ही देश के अंदर 5 बड़ी गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) का डिफॉल्ट कर जाना है.
बिकने वाली है रिलायंस कैपिटल
हिंदुजा समूह ऑटोमोबाइल से लेकर फाइनेंशियल सविर्सेस, केमिकल और रीयल एस्टेट सेक्टर में काम करता है. ऐसे में ईटी ने खबर दी थी कि रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए हिंदुजा समूह करीब 100 करोड़ डॉलर जुटा रहा है. हालांकि इस पर कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. अब ब्लूमबर्ग का कहना है कि हिंदुजा समूह 80 करोड़ डॉलर जुटा रहा है. हालांकि इस पर हिंदुजा समूह की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. कंपनियां जब बैंक या मार्केट से पैसा उधार ना लेकर, किसी दूसरे बड़े कॉरपोरेट हाउस से पैसा उधार लेती हैं, तब उसे प्राइवेट डेट फंड से पैसा जुटाया जाना कहा जाता है.