स्मार्टफोन में कितना होता है चांदी का इस्तेमाल? क्यों पड़ती है जरुरत, जानें यहां
अगर सामान्य आईफोन की बात करें तो इसमें 0.34 ग्राम चांदी होती है. जबकि एंड्रॉयड मोबाइल में इसकी मात्रा में इजाफा हो जाता है. जोकि मॉडल के हिसाब से 0.50 से 0.90 ग्राम तक पहुंच जाता है.
जब से एप्पल ने भारत में अपनी मौजूदगी भारत गहरी की है, तब से भारत स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में चांदी ही चांदी काट रहा है. आने वाले सालों में भारत की इस चांदी में और भी इजाफा होने वाला है. कारण एपल का फोन पूरी दुनिया में 25 फीसदी भारत से एक्सपोर्ट होगा. लेकिन आज सवाल थोड़ा अलग है, वो ये आपके फोन में कितनी चांदी है? जी हां, चौकिए मत. स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में चांदी का इस्तेमाल काफी होता है. इस यूज को इंडस्ट्रीयल कंजंप्शन के दायरे में रखा जाता है. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आपके फोन में चांदी क्यों इस्तेमाल होती है? कितनी मात्रा में होती है?
आपके फोन में कितनी है चांदी?
सिम कार्ड को छोड़ दिया जाए तो शायद ही किसी को इस बारे में जानकारी होगी कि आखिर मोबाइल फोन के अंदर आखिर होता क्या है? इस छोटे से डिवाइस में कई कॉस्टली मेटल्स और मटीरियल होते हैं. किसी भी स्मार्टफोन के अंदर सोने, चांदी, पैलेडियम और प्लैटिनम सहित 20 से ज्यादा कई मटीरियल का यूज होता है. वैसे कई तरह के मटीरियल की क्वांटिटी काफी कम होती है.
अगर सामान्य आईफोन की बात करें तो इसमें 0.34 ग्राम चांदी होती है. जबकि एंड्रॉयड मोबाइल में इसकी मात्रा में इजाफा हो जाता है. जोकि मॉडल के हिसाब से 0.50 से 0.90 ग्राम तक पहुंच जाता है. मौजूदा समय में पूरी दुनिया में 700 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन चालू हैं. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर आपके मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में चांदी का इस्तेमालन कितना होता होगा. खास बात तो ये है कि मोबाइल फोन को रीसाइकिल कर उस चांदी का यूज दोबारा भी हो सकता है.
फोन में क्यों यूज होती है चांदी?
अब सवाल ये है कि आखिर मोबाइल फोन या यूं कहें कि स्मार्टफोन में चांदी का यूज क्यों किया जाता है? वास्तव में मोबाइल फोन में सर्किट बोर्ड का इस्तेमाल होता है जोकि इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शंस के लिए यूज होता है. इस बोर्ड को चांदी से तैयार किया जाता है. चांदी को इलेक्ट्रिसिटी का गुड कंडक्टर माना जाता है, लेकिन इसका यूज छोटे इलेक्ट्रिकल आइटम्स में इस्तेमाल होता है, जिसमें मोबाइल फोन भी शामिल है. इसके अलावा ये दूसरे मेटल्स और मटीरियल्स के मुकाबले काफी महंगी होती है. जिसकी वजह से इसका इस्तेमाल स्मार्टफोन और दूसरे इलेक्ट्रिक आइटम्स में यूज होता है. जिसमें टॉर्च, ओवन, माइक्रोवव, टेलीविजन आदि में यूज होता है.
भारत में बढ़ रही है मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग
वहीं दूसरी ओर भारत में स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में लगातार इजाफा हो रहा है. एपल के आने से मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. बीते वित्त वर्ष में भारत ने जीतने मोबाइल एक्सपोर्ट किए उनमें से 50 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी एपल की थी. अगले तीन सालों में एपल ग्लोबल कंजंपशन का 25 फीसदी भारत से एक्सपोर्ट करेगा. वहीं सैमसंग और दूसरी कंपनियों की ओर से भी मैन्युफैक्चरिंग जारी है. ऐसे में भारत में चांदी का इस्तेमाल और भी ज्यादा बढ़ जाएगा. भारत में बीते वित्त वर्ष में 30 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन मैन्युफैक्चर्ड हुए थे. जिसके और भी बढ़ने के आसार हैं.