IAS छात्रों की मौत एक्ट ऑफ गॉड, कोचिंग मालिकों ने कोर्ट में दिया चौंकाने वाला तर्क, 12 को सुनवाई
वकील ने जज से कहा कि कोचिंग हादसे के बाद चारों आरोपी गिरफ्तारी से नहीं भागे. बल्कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वे खुद ही पुलिस थाने गए थे. न्यायाधीश ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 12 अगस्त की तारीख तय की. बता दें कि इस हादसे में तीन छात्रों की मौत हो गई थी.
नई दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में जिस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पिछले महीने पानी भरने से सिविल सेवा के तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी, जेल में बंद उसके चार सह-मालिकों ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि यह घटना एक्ट ऑफ गॉड थी. अगर नगर निकायों ने अपना कर्तव्य निभाया होता तो इसे टाला जा सकता था.
आरोपियों परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह ने मामले में जमानत का अनुरोध करते हुए प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना के सामने यह दलील दी.
नगर निकाय एजेंसियों की लापरवाही
चारों आरोपियों के वकील ने न्यायाधीश से कहा कि यह एक्ट ऑफ गॉड था और अगर नगर निकाय एजेंसियों ने अपने कर्तव्यों का पालन किया होता, तो इसे टाला जा सकता था लेकिन वे इसमें बुरी तरह विफल रहे. वकील ने कहा कि बेसमेंट में लाइब्रेरी नहीं था, बल्कि यह वेटिंग एरिया था जहां छात्र जाकर बैठ सकते थे और चाहें तो बैठ कर पढ़ सकते थे. लीज डीड में लाइब्रेरी के बारे में कोई बात नहीं है, लेकिन इसमें कहा गया है कि इसका इस्तेमाल कोचिंग के उद्देश्य से किया जाना था.
फायर ब्रिगेड ने किया था निरीक्षण
वकील ने दावा किया कि घटना से कुछ दिन पहले परिसर में अग्निशमन विभाग ने निरीक्षण किया था. उन्होंने दावा किया कि निरीक्षण के बाद अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट में बताया गया कि बेसमेंट का उपयोग भंडारण के लिए किया जा रहा था और भवन सुरक्षित है तथा शैक्षणिक केंद्र चलाने के लिए उपयुक्त है.
12 अगस्त को अगली सुनवाई
वकील ने कहा कि गैर इरादतन हत्या की धारा लगाने के लिए, जानकारी के साथ अपराध करने का इरादा होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी कहां से मिलती. क्या मैंने यह सोचकर संपत्ति दी थी कि मैं बेसमेंट बनाऊंगा और एक दिन जब बारिश होगी तो मैं हत्या करूंगा. वकील ने न्यायाधीश से कहा कि चारों आरोपी गिरफ्तारी से नहीं भागे, बल्कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वे खुद ही पुलिस थाने गए थे. न्यायाधीश ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 12 अगस्त की तारीख तय की.