एक की नाकामी, दूसरों की कुर्बानी… कब तक होती रहेगी ये गलती?

एक की नाकामी, दूसरों की कुर्बानी… कब तक होती रहेगी ये गलती?

केएल राहुल ने अपना पिछला शतक, यहां तक कि पिछला अर्धशतक भी एक साल पहले साउथ अफ्रीका दौरे पर जमाया था. इसके बाद से वह लगातार नाकाम रहे हैं.

भारतीय क्रिकेट टीम में इस वक्त एक खिलाड़ी की जगह पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं और ये सवाल गुरुवार 9 फरवरी के बाद और तेज हो गए हैं. कारण साफ है- प्रदर्शन. नागपुर में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले टेस्ट मैच की शुरुआत और दिन का खेल खत्म होने के साथ फिर से सवाल उठने लगे. ये खिलाड़ी हैं- केएल राहुल, जो टीम के उप-कप्तान भी हैं. एक के बाद एक लगातार पारियों में नाकामी कई सवाल खड़ी कर रही है और इसमें सबसे बड़ा ये है कि आखिर कब तक उनके लिए अन्य खिलाड़ियों के मौके छीने जाते रहेंगे.

नागपुर में शुरू हुए टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय गेंदबाजों ने कमाल किया और ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 177 रन पर समेट दिया. फिर टीम इंडिया को डेढ़ घंटे बल्लेबाजी का मौका मिला और कप्तान रोहित शर्मा ने बिना किसी परेशानी के ऑस्ट्रेलिया के पेसरों और स्पिनरों का सामना करते हुए शानदार अर्धशतक जमाया.

खराब प्रदर्शन-खराब अंदाज

भारतीय टीम अच्छी स्थिति के साथ दिन का खेल खत्म करने के करीब थी लेकिन सिर्फ 7 गेंद पहले राहुल का विकेट गिर गया. राहुल सिर्फ 20 रन बना सके और पिछले एक साल से टेस्ट क्रिकेट में चले आ रहे संघर्ष की लिस्ट और लंबी हो गई. ये पहला मौका नहीं है, जब वह इस तरह नाकाम रहे हैं.

दिसंबर 2021 में सेंचुरियन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ शतक जमाने के बाद से 10 पारियों में वह सिर्फ एक अर्धशतक बना पाए हैं. इन 13 महीनों में खेली 10 पारियों में राहुल के स्कोर कुछ इस तरह रहे हैं- 23, 50, 8, 12, 10, 22, 23, 10, 2, 20.

सबसे बड़ी समस्या ये है कि इनमें से ज्यादातर पारियों में राहुल पिच पर काफी देर टिकने के बाद फिर आउट हुए. इस दौरान न तो वह रनों की रफ्तार बढ़ा सके और न ही स्ट्राइक रोटेट कर सके, जो आखिरकार उन पर ही दबाव बनाता रहा है. नागपुर टेस्ट की पहली पारी में भी यही हुआ. एक तरफ रोहित 69 गेंदों में 56 रन बनाकर नाबाद लौटे, वहीं राहुल ने 71 गेंदें खेली और सिर्फ 1 चौका जमा सके.

राहुल के लिए कुर्बानी कब तक?

इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह मानसिक तौर पर टेस्ट क्रिकेट खेलने की स्थिति में हैं. क्या उन्हें फॉर्म में वापसी के लिए ब्रेक नहीं दिया जाना चाहिए? इससे भी बड़ा सवाल ये है कि कब तक उन्हें टीम में रखने के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे बाकी बल्लेबाजों की कुर्बानी दी जाएगी. मौजूदा केस शुभमन गिल का है, जो पिछले करीब दो महीनों से बेहतरीन फॉर्म में हैं और शतकों की बारिश कर रहे हैं.

इस टेस्ट में भी प्लेइंग इलेवन के सवाल पर ज्यादातर पूर्व क्रिकेटरों, विशेषज्ञों और फैंस की यही राय थी कि राहुल की जगह गिल को ओपनिंग में उतारा जाना चाहिए.

गिल ने दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ 110 रन की पारी खेली थी जो टेस्ट क्रिकेट में उनका पहला ही शतक था. इसके बाद गिल ने वनडे में दोहरे शतक समेत 3 सेंचुरी और फिर टी20 में भी शतक ठोक दिया. ऐसे में इतनी जबरदस्त फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज को बाहर बिठाना आसान नहीं है और अगर ऐसा किया जा रहा है तो उसकी जगह आने वाले खिलाड़ी को प्रदर्शन करके दिखाना जरूरी है. फिलहाल तो यही नजर आता है कि अगर दूसरी पारी में टीम इंडिया की बल्लेबाजी आती है और राहुल उसमें भी नाकाम होते हैं, तो उनका पत्ता कटना ही चाहिए.