रोहित शर्मा का शतक ऐसे ही नहीं लगा, इन खासियतों से बने नागपुर के स्टार
रोहित शर्मा ने नागपुर टेस्ट के दूसरे दिन 120 रन बनाए और तीसरे सेशन में आउट हुए. आउट होने से पहले रोहित ने हालांकि ऑस्ट्रेलिया को इक्के-दुक्के ही मौके दिये थे.
सारी बातें एक तरफ और रोहित शर्मा की पारी एक तरफ. जहां ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर और मीडिया लगातार नागपुर टेस्ट के लिए तैयार की गई पिच को लेकर चर्चा कर रहे थे, मैच शुरू होने से पहले ही पिच के रूप में बहाने ढूंढने लगे थे, वहीं रोहित शर्मा ने मैच के दोनों दिन दिखाया कि शतक ऐसे ही नहीं लग जाता, बल्कि धैर्य दिखाना होता है और खुद को हालात के हिसाब से ढालना पड़ता है. टीम इंडिया के बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने इन्हीं बातों को भारतीय कप्तान की जबरदस्त पारी की वजह बताया है क्योंकि बैटिंग उतनी आसान भी नहीं थी, जितनी रोहित ने दिखाई.
शुक्रवार 10 फरवरी को नागपुर टेस्ट के दूसरे दिन भारत ने 7 विकेट खोकर 321 रन बना लिए थे जिसमें कप्तान रोहित शर्मा के 120 रनों का सबसे बड़ा योगदान था. रोहित ने 212 गेंदों का सामना किया और 120 रन बनाए. वह तीसरे सेशन के पहले ओवर में आउट होकर पवेलियन लौटे लेकिन इससे पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को बमुश्किल कोई मौके दिए. रोहित का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और टेस्ट कप्तान के रूप में ये पहला शतक भी था.
‘रोहित ने जज्बा दिखाया’
ये बात सच है कि नागपुर की पिच को मैच से पहले ही जिस तरह से विलेन बनाया जा रहा था, ये पहले दो दिनों में वैसी साबित नहीं हुआ है. फिर भी अगर एक टीम 177 रन पर ढेर हो जाए, जबकि विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज भी सस्ते में निपट जाएं, उसमें बैटिंग इतनी आसान भी नहीं हो सकती. यही बात राठौड़ ने भी कही. भारतीय बैटिंग कोच ने कहा कि रोहित कोकड़ी मेहनत करनी पड़ी. उन्होंने कहा,
रोहित की यह विशेष पारी थी और उन्हें रन बनाते हुए देखकर अच्छा लगा. उन्होंने अच्छा जज्बा दिखाया और यह बहुत महत्वपूर्ण पारी थी क्योंकि इस पिच पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं था.