‘पिच में पिशाच’ का खुला भेद, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने सुनाई हकीकत

‘पिच में पिशाच’ का खुला भेद, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने सुनाई हकीकत

नागपुर टेस्ट से पहले पिच को लेकर काफी बवाल हो रहा था लेकिन दो दिन के खेल के बाद ऑस्ट्रेलिया के युवा स्पिनर टॉड मर्फी ने इस पर अपनी राय दी है.

नागपुर टेस्ट के दो दिन पूरे हो गए हैं और मेजबान भारतीय टीम का इस मुकाबले में अभी तक दबदबा रहा है. पहले गेंदबाजी में और अब बल्लेबाजी में भारतीय टीम मेहमान ऑस्ट्रेलिया पर भारी पड़ी है. लगातार दो दिन के खेल में पिछड़ने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को इस मैच में एक नया हीरो मिला है- 22 साल के ऑफ स्पिनर टॉड मर्फी. अपना डेब्यू कर रहे मर्फी ने पहली पारी में गिरे 7 में से 5 विकेट हासिल किए. मर्फी ने अपनी गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया को कुछ उम्मीद तो दिखाई ही लेकिन साथ ही अपनी बातों से ऑस्ट्रेलिया के उन विशेषज्ञों को भी जवाब दिया, जो नागपुर की ‘पिच में पिशाच’ की बातें कर रहे थे.

इस सीरीज के शुरू होने से पहले ही कई पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों और वहां की मीडिया ने पिच को मुद्दा बनाना शुरू कर दिया था. फिर नागपुर पिच की तस्वीर सामने आने पर जब पता चला कि इसका एक हिस्सा सूखा छोड़ा गया है, जो बाएं हाथ के स्पिनरों को मदद करेगा, तो ऑस्ट्रेलिया से प्रतिक्रियाएं और तेज हुईं. भारतीय गेंदबाजों ने तो खैर अपने प्रदर्शन से इसका जवाब दिया ही, खुद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के सबसे नए चेहरे ने भी इन आरोपों की पोल खोल दी.

‘पिच में पिशाच नहीं, धैर्य जरूरी’

शुक्रवार 10 फरवरी को मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद जब मर्फी ने स्टार स्पोर्ट्स से बात की तो ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर ने पिच को लेकर किये जा रहे दावों को खारिज कर दिया. युवा ऑफ स्पिनर ने कहा कि पिच में टिकने की जरूरत है, जो भारतीय बल्लेबाजों ने किया. मर्फी ने कहा,

जब आप गेंद को (सूखे हिस्से में) डालते हो तो ये कुछ हरकत करती है लेकिन इसमें असल में कोई पिशाच (demons) नहीं हैं. जिन लोगों ने खुद को सही से ढाला है और लंबे वक्त तक बैटिंग की कोशिश की है, इसका फायदा उठाने में सफल रहे हैं.

जब हक्के-बक्के रह गए मर्फी

मर्फी के अभी तक के 5 विकेटों में विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और केएल राहुल जैसे बड़े नाम शामिल हैं. मर्फी ने माना कि उनके लिए ये विकेट बेहद खास रहे. खास तौर पर विराट कोहली के विकेट से उन्हें सबसे ज्यादा खुशी मिली क्योंकि वह गेंद बहुत अच्छी भी नहीं थी. यहां तक कि कोहली को मैदान में देखकर और उनके लिए हो रहे फैंस के शोर से वह हक्के-बक्के थे. मर्फी ने कहा,

यह सपने के सच होने जैसा था. वह खिलाड़ी, जिसे मैंने इतने लंबे समय से देखा है और इन सबके लिए हीरो है…जब विराट बैटिंग के लिए आए तो दर्शक उत्साह से भर गए. ये हैरान करने वाला था. शायद ये हमेशा के लिए मेरे साथ रहेगा.

अश्विन-अक्षर-जडेजा से ली सीख

जिस मैच में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे गेंदबाज खेल रहे हों और उन्हें अपने सामने से गेंदबाजी करते देखने का मौका मिले, तो किसी भी नए स्पिनर के लिए ये सीखने का अच्छा मौका हो सकता है और मर्फी ने भी भारतीय स्पिनरों स सीखकर उसे अपनी गेंदबाजी में उतारा. मर्फी ने कहा, मैंने जडेजा, अश्विन और अक्षर को देखा, वह जो कर रहे थे उसमें निरंतरता थी. वह बहुत ज्यादा (पिच से मदद) नहीं तलाश रहे थे. मैंने इस पर खासा ध्यान दिया- उस हिस्से में ज्यादा से ज्यादा गेंद डालकर लंबे समय तक (बल्लेबाजों से) सवाल पूछता रहा.