मैच से पहले मारा ‘मुंह पर मुक्का’, भारत में ऑस्ट्रेलिया के साथ ये क्या हुआ?

मैच से पहले मारा ‘मुंह पर मुक्का’, भारत में ऑस्ट्रेलिया के साथ ये क्या हुआ?

भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपने प्रदर्शन के कारण लगातार तीखे शब्दों का सामना करना पड़ रहा है और कुछ ऐसे ही कड़े विचार ग्रेग चैपल ने रखे हैं.

सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए भारत दौरा अभी तक एकदम खराब साबित हुआ. कंगारू टीम टेस्ट सीरीज के पहले दो मैचों में ही बुरी तरह हार गई. सिर्फ हारी नहीं, बल्कि 3-3 दिनों के अंदर ही उसने सरेंडर कर दिया. जाहिर तौर पर पैट कमिंस की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने देश के हर पूर्व क्रिकेटर के निशाने पर है. कोई उनके खेल पर सवाल उठा रहा है तो कोई उनकी मानसिकता पर और कोई काबिलियत पर. अब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व महान बल्लेबाज ग्रेग चैपल ने तो ये तक कह दिया है कि सीरीज शुरू होने से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने खुद अपना बुरा हाल कर लिया था और जो मैदान में हुआ वो स्वाभाविक था.

ऑस्ट्रेलियाई टीम 1 फरवरी को ही भारत आ गई थी लेकिन उसने यहां कोई प्रैक्टिस मैच नहीं खेला और भारत के कई घरेलू स्पिनरों के खिलाफ खुद को टीम इंडिया के स्पिन अटैक से भिड़ने के लिए तैयार किया. फिर प्लेइंग इलेवन में 2-3 स्पिनरों को तवज्जो दी और बैटिंग में स्वीप शॉट जैसी पहले से तय रणनीति को अपनाया लेकिन पहले नागपुर और फिर दिल्ली में ये सब रणनीतियां धरी की धरी रह गईं.

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बॉल पड़ने से पहले खुद को ‘मारा मुक्का’

भारत में ऑस्ट्रेलिया का ये हाल देखकर चैपल ने टीम के प्रदर्शन पर तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया. चैपल ने मशहूर बॉक्सर माइक टायसन का हवाला देते हुए कहा कि मेहमान टीम ने पहली गेंद पड़ने से काफी पहले ही अपने मुंह पर घूंसा जड़ दिया था. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में चैपल ने लिखा,

वह माइक टायसन थे जिन्होंने इवांडर होलीफील्ड के खिलाफ मुकाबले से पहले कहा था, हर किसी के पास तब तक की योजना होती है जब तक कि उसके मुंह पर घूंसा न पड़ जाए. पहले दो टेस्ट मैच देखने के बाद मेरी चिंता यह है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहली गेंद पड़ने से काफी पहले ही अपने मुंह पर घूंसा जड़ दिया था.

चैपल ने भारत के वर्तमान दौरे के लिए ऑस्ट्रेलिया की तैयारियों और योजनाओं पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, रणनीति तैयार करना एक बात है लेकिन उसे गलतियों के साथ तैयार करना बेकार की कवायद है.

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ताकत नहीं, कमजोरी के साथ खेला ऑस्ट्रेलिया

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को अपनी ताकत के बजाए अपनी कमजोरी के साथ खेलने के लिए लताड़ा. चैपल ने कहा, ऑस्ट्रेलिया को इस श्रृंखला को जीतने के लिए अपने मजबूत पक्षों के साथ खेलने की जरूरत थी. स्पिन गेंदबाजी हमारी ताकत नहीं है. इसके लिए टीम में स्पिनरों को चुनना भारत में सफलता हासिल करने का तरीका नहीं है. हमें अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों को चुनना चाहिए था और उन पर भरोसा करना चाहिए था तथा बल्लेबाजों को अच्छा प्रदर्शन करके उनका समर्थन करना चाहिए था.

नागपुर में पहला टेस्ट मैच पारी और 132 रन से हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने दिल्ली में सिर्फ एक तेज गेंदबाज, कप्तान पैट कमिंस, के साथ उतरने का फैसला किया था. उसने स्कॉट बोलैंड को बाहर कर दिया और बाएं हाथ के स्पिनर मैथ्यू कुह्नमैन ने दिल्ली टेस्ट में अपना डेब्यू किया था. वह भी कोई असर नहीं छोड़ सके और ढाई दिन में ही ऑस्ट्रेलिया को हार मिली.

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