MP: 6 राज्यों के 49 बैंक खाते फ्रिज… पुलिस ने तोड़ा ठगों का जाल, प्रोफेसर के गायब पैसे कैसे आए वापस?

इंदौर में साइबर ठगों ने रिटायर्ड प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 33 लाख रुपये की ठगी कर ली. शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच की. इस बीच 6 राज्यों के 49 बैंक खातों को फ्रीज कराया गया और 26 लाख 45 हजार रुपये पीड़ित को वापस मिल गए.
मध्य प्रदेश के इंदौर में रिटायर्ड प्रोफेसर ने लिवर ट्रांसप्लांट के लिए 33 लाख रुपये जोड़े. साइबर ठगों ने रिटायर्ड प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर वो रकम हड़प ली. इसके बाद पीड़ित हक्का-बक्का रह गया. उन्होंने पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने जो किया उससे रिटायर्ड प्रोफेसर के चेहरे पर मुस्कान लौट आई. साइबर ठगों ने धोखाधड़ी कर रिटायर्ड प्रोफेसर के खाते से 6 महीने पहले पैसा निकाला, जिसे पुलिस ने 6 राज्यों के 49 बैंक खातों को फ्रीज कराकर पीड़ित को 26 लाख रुपये वापस कराए. पीड़ित रिटायर्ड प्रोफेसर ने पुलिस का आभार जताया.
इंदौर में लगातार साइबर ठगी की वारदातें अलग-अलग तरह से सामने आ रही हैं. सितंबर 2024 में रिटायर्ड प्रोफेसर रवींद्र बापट के साथ साइबर ठगों ने सीबीआई व अलग-अलग अधिकारी बनकर 33 लाख रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया. रिटायर्ड प्रोफेसर ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने विभिन्न तरह से जांच पड़ताल कर उनके 26 लाख रुपए अलग-अलग बैंक अकाउंट फ्रिज करवा कर रिफंड करवाए.
लिवर ट्रांसप्लांट के लिए इकट्ठा किए 33 लाख रुपये
पीड़ित रवींद्र बापट ने इंदौर क्राइम ब्रांच के ऑफिस पर पहुंचे उन्होंने एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया से मुलाकात कर अपने साथ हुई 33 लाख रुपए की ठगी के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उनके जल्द ही महाराष्ट्र में लिवर ट्रांसप्लांट प्लांट को लेकर ऑपरेशन होना है. इसी के चलते उन्होंने अपने अकाउंट में इतने रूपयो की सेविंग की थी, लेकिन इसी दौरान उन्हें एक अनजान नंबर से फोन आया और उसने इस बात की जानकारी दी कि आपके द्वारा जो कोरियर मलेशिया भेजा जा रहा है, उसमें ड्रग्स सहित तमाम देशों के पासपोर्ट मौजूद हैं. इसके बाद उस व्यक्ति ने अलग-अलग अधिकारियों से बात कराई.
अफसर बन की ठगों ने वीडियो कॉल
रवींद्र बापट ने बताया कि दिल्ली साइबर क्राइम से संबंधित एक अधिकारी बताते हुए एक शख्स ने भी उनसे वीडियो कॉल पर बात की. वहीं, सीबीआई, आरबीआई और कस्टम अधिकारी बनकर कई लोगों ने उनसे बात कर, उनके 33 लाख रुपए अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए. उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने उनसे पूरे मामले में जांच कर जल्दी पैसा लौटाने की बात कही थी. लेकिन इसके बाद उनकी आरोपियों से कोई बात नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी अपने कुछ परिचितों को दी.
पुलिस ने इस तरह दिलाई रकम वापस
इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने भी इस पूरे मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल की. इस बीच 6 राज्यों की बैंकों के 49 खातों को चिन्हित कर उनको फ्रिज किया. इसके बाद रिटायर्ड प्रोफेसर के 26 लाख 45 हजार रुपए रिफंड करवाए गए. जिन्हें पाकर पीड़ित रिटायर्ड प्रोफेसर खुश हो गए. उनका कहना है कि अब वह इन रुपयों से अपना लिवर ट्रांसप्लांट करवा सकेंगे.
इंदौर में इस तरह के धोखाधड़ी के मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं. पुलिस के द्वारा समय पर एडवाइजरी भी जारी की जाती है, लेकिन उसके बाद भी साइबर ठग अलग-अलग तरह से रोजाना धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.