106 साल पुराना, अभिनेता प्रेमनाथ के सपनों का महल; फिर क्यों ध्वस्त कर दिया गया ‘एंपायर थिएटर’?

106 साल पुराना, अभिनेता प्रेमनाथ के सपनों का महल; फिर क्यों ध्वस्त कर दिया गया ‘एंपायर थिएटर’?

जबलपुर में फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ का 'एंपायर थिएटर' अब ध्वस्त कर दिया गया है. थिएटर के जर्जर होने और हादसे की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने इसे ध्वस्त कर दिया. प्रेमनाथ के परिवार के लिए यह केवल थिएटर नहीं था, बल्कि प्रेमनाथ की निशानी भी था. इसी के साथ ही पूरे शहर के लिए यह आकर्षण का केंद्र भी था.

जबलपुर में स्थित फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ के सपनों का ‘एंपायर थिएटर’ अब इतिहास बन चुका है. 1918 में अंग्रेजों द्वारा निर्मित इस थिएटर को 1952 में प्रेमनाथ ने खरीदा था. उस समय यह थिएटर जबलपुर के सिविल लाइंस इलाके का प्रमुख आकर्षण था. 1952 में इसका उद्घाटन राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर ने किया था. प्रेमनाथ, जो राज कपूर के साले भी थे, ने इस थिएटर को जबलपुर वासियों के लिए एक मनोरंजन स्थल के रूप में देखा था, लेकिन अब शहर वासी इसे टूटते हुए भी देख रहे हैं.

‘एंपायर थिएटर’ का निर्माण एक समय में अंग्रेजी शासनकाल की धरोहर के रूप में हुआ था. यह थिएटर उस समय के अत्याधुनिक सिनेमा घरों में से एक था. प्रेमनाथ के स्वामित्व में आने के बाद यह थिएटर और भी अधिक प्रसिद्ध हो गया. यहां फर्स्ट डे-फर्स्ट शो देखने की होड़ लगी रहती थी और शहर के लोगों के लिए यह एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र बन गया था.

जिस कर्मचारी ने मारा थप्पड़, उसी का किया सम्मान

प्रेमनाथ का पूरा परिवार जबलपुर में ही रहता था. पढ़ाई के दौरान एक बार प्रेमनाथ एंपायर टॉकीज का गेट फांदकर फिल्म देखने चले गए. अंदर बैठकर फिल्म देख रहे थे, तभी टिकट चेकिंग के दौरान कर्मचारी ने प्रेमनाथ और उनके साथी को पकड़ लिया. इस दौरान प्रेमनाथ को एक थप्पड़ भी मारा.

उसी समय प्रेमनाथ ने मन में ठान लिया था कि एक दिन यह एंपायर टॉकीज खरीदनी है. 1965 में प्रेमनाथ ने यह टॉकीज खरीद ली, लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि उद्घाटन के दौरान प्रेमनाथ ने टिकट चेकिंग करने वाले और थप्पड़ मारने वाले कर्मचारी का सम्मान किया और कहा कि आज तुम्हारे कारण ही मैं यह एंपायर टॉकीज खरीद पाया हूं.

प्रशासन ने एंपायर थिएटर को किया ध्वस्त

हालांकि, समय के साथ एंपायर थिएटर की हालत जर्जर होती चली गई. कई वर्षों से इसकी मरम्मत नहीं हो सकी और इसके ढांचे में लगातार गिरावट आती रही. हादसों की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने इसे गिराने का निर्णय लिया और हाल ही में इसे ध्वस्त कर दिया गया, जिससे प्रेमनाथ और राज कपूर के परिवार की जबलपुर से जुड़ी यादों का यह स्थल अब केवल स्मृतियों में ही रहेगा.

जीवित रहेंगी थिएटर से जुड़ी यादें

जबलपुर शहर और इस थिएटर का गहरा नाता रहा है. यह शहर और इसके निवासी एंपायर थिएटर की रौनक और इसके सुनहरे दौर को आज भी याद करते हैं. हालांकि, अब यह थिएटर केवल एक इतिहास का हिस्सा रह गया है, लेकिन इसका सांस्कृतिक महत्व और इससे जुड़ी यादें हमेशा जीवित रहेंगी.