नागपुर टेस्ट में बड़ी जीत के बाद बदली भारतीय टीम, बाहर गया ये खिलाड़ी

नागपुर टेस्ट में बड़ी जीत के बाद बदली भारतीय टीम, बाहर गया ये खिलाड़ी

भारतीय क्रिकेट टीम ने नागपुर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को पारी और 132 रनों से हरा दिया था इसके बाद टीम में एक बदलाव हुआ है और एक खिलाड़ी को बाहर जाना पड़ा है.

भारतीय क्रिकेट टीम ने नागपुर में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को एकतरफा अंदाज में हरा दिया था. भारत ने इस मैच को तीन दिन में ही खत्म कर दिया था.इस मैच में भारत को पारी और 132 रनों से जीत मिली. टीम इंडिया ने इस जीत के बाद इस सीरीज में 1-0 की अजेय बढ़त ले ली थी.इसके बाद भी टीम इंडिया से एक खिलाड़ी को बाहर जाना पड़ा है. ये खिलाड़ी हैं बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट. भारतीय क्रिेकट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस बात की जानकारी दी है कि उनादकट को टीम से रिलीज कर दिया गया है.

उनादकट को बांग्लादेश के खिलाफ 12 साल बाद भारत की टेस्ट टीम में शामिल किया गया था. वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती दो मैचों के लिए भी टेस्ट टीम में चुने गए थे. लेकिन अब टीम मैनेजमेंट ने उन्हें रिलीज करने का फैसला किया है.

इस कारण लिया फैसला

दरअसल, टीम मैनेजमेंट ने उनादकट को रिलीज करने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि उनकी घरेलू टीम सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है. उनादकट के दूसरे टेस्ट में खेलने की संभावना बहुत ही कम है.ऐसे में टीम ने उन्हें सौराष्ट्र को अपनी सेवाएं देने के लिए टीम से रिलीज कर दिया. सौराष्ट्र ने शनिवार को ही कर्नाटक को हरा फाइनल में जगह बनाई है. उनादकट की कप्तानी में इस टीम ने राणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था. पिछले से पिछले सीजन सौराष्ट्र विजेता बनने में सफल रही थी और उसने बंगाल को हराया था. इस बार भी इस टीम का सामना बंगाल से होगा.

बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर रहा, “अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति ने भारतीय टीम के मैनेजमेंट के साथ बात कर फैसला किया है कि जयदेव उनादकट को टीम से रिलीज कर दिया जाए. जयदेव उनादकट सौराष्ट्र की टीम के साथ जुड़ेंगे जिसने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है. ये टीम 16 फरवरी से बंगाल के खिलाफ ईडन गार्डन्स स्टेडियम में फाइनल खेलेगी.”

उनादकट की कप्तानी में किया कमाल

इससे पहले सौराष्ट्र ने 2019-20 के सीजन में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई थी और उनदाकट की कप्तानी में बंगाल को हराया था. इस बार बंगाल उस हार का बदला लेना चाहेगी. सौराष्ट्र ने पिछले 10 साल में पांच बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई है. इस बार फिर वह ये खिताब अपने नाम करने की कोशिश करेगी.फाइनल में सौराष्ट्र की कप्तानी उनादकट कर सकते हैं.