कानपुर कांड में समझौता! पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए शव, SDM हिरासत में
इस घटना पर सपा नेता ने कहा कि मां बेटी के साथ दर्दनाक हादसा हुआ है. दोनों जलकर मरे थे, मैं समझता हूं कि जहां लोकतंत्र शर्मशार हुआ था और मानवता भी कहीं न कहीं त्राहि त्राहिमाम कर रही होगी.
कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलने की वारदात पर योगी सरकार गंभीर हो गई है. इस मामले पर प्रशासन के साथ समझौता हुआ है. दोनो शव पोस्टमार्टम के लिये भेजे गए हैं. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि दोषी अधिकरियों पर कारवाई होगी. इस मामले पर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद को निलंबित कर हिरासत में ले लिया गया है. पुलिस एसडीएम से पूछताछ कर रही है. पुलिस जल्द ही लेखपाल को भी हिरासत में ले सकती है. वहीं, इस पूरे मामले पर एसडीएम और लेखपाल अशोक सिंह को दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया गया है.
बता दें कि ग्राम समाज की जमीन से अवैध कब्जा हटाने पुलिस-प्रशासन की टीम सोमवार को कानपुर देहात के चालहा गांव पहुंची. अतिक्रमण हटाने के दौरान झोपड़ी में आग लग गई और मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई थी. इसके बाद से लोगों का गुस्सा प्रशासन पर फूट पड़ा है. वहीं, इस मामले पर अब राजनीति भी होनी शुरू हो गई है.
सपा और कांग्रेस के नेताओं को आधे रास्ते ही रोका गया
कानपुर देहात जा रहे सपा विधायक और कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल को पुलिस ने आधे रास्ते पर ही रोक लिया है. उन्नाव एसपी के निर्देश पर कानपुर-लखनऊ हाइवे पर जगह-जगह भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा. जहां पुलिस ने कांग्रेस के नेताओं को नबावगंज टोला प्लाजा के पास रोक लिया. वहीं, रायबरेली ऊंचाहार को हाइवे स्थित आजाद मार्ग हाइवे पर रोक लिया. जिस पर वह जमीन पर धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा.
मंगलवार को पीड़ित परिवार से मिलने कांग्रेस से नसीमुद्दीन और बृजलाल खापरी कई कांग्रेसियों के साथ कानपुर देहात जा रहे थे. जहां उन्हें नवाबगंज टोल प्लाजा के पास पहले से ही सोहरामऊ थानाध्यक्ष रमेश सिंह, इंस्पेक्टर विनोद मिश्रा समेत भारी पुलिस बल ने घेराबंदी कर उन्हें रोक लिया. इन सभी नेताओं को जाने से रोका लिया.
धरने पर बैठ सरकार पर साधा निशाना
इधर, रायबरेली ऊंचाहार के विधायक मनोज पांडे भी पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे. उन्हें आजाद मार्ग बाईपास पर पहले से ही अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह, सीओ सिटी आशुतोष कुमार, अचलगंज थानाध्यक्ष प्रशांत द्विवेदी, गंगाघाट इंस्पेक्टर अवनीश सिंह, ट्रेफिक प्रभारी अरविंद पांडे समेत भारी पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया. जिससे वह धरने पर बैठ गए और सरकार पर जमकर निशाना साधा.
लोकतंत्र हुआ शर्मसार: सपा विधायक
इस दौरान सपा विधायक ने कहा कि मां बेटी के साथ दर्दनाक हादसा हुआ है. दोनों जलकर मरे थे, मैं समझता हूं कि जहां लोकतंत्र शर्मशार हुआ था और मानवता भी कहीं न कहीं त्राहि त्राहिमाम कर रही होगी. उस घटना में समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल पीड़ित परिवार से संवेदना व्यक्त करने जा रहे थे. लखनऊ से पंद्रह स्थानों पर छावनी बनकर उन्हें रोका जा रहा है. क्या लोकतंत्र में यह अधिकार नहीं रह गया है कि पीड़ित परिवार से मिलकर संवेदना नहीं दे सकता है. मुझे नहीं जाने दिया जा रहा है. मैं कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर बैठा हुआ हूं. वहीं, कानपुर जा रहे पूर्व विधायक उदयराज यादव को बदरका चौराहे पर पुलिस ने रोका है.