मुर्दे के नाम जारी हो गया अरेस्ट वारंट, कोर्ट ने बुलाया तो घर पहुंची पुलिस; ऐसी है कहानी

घरवालों के मुताबिक, शराब के सेवन से शख्स का लिवर खराब हो गया. उसका काफी इलाज कराया गया, लेकिन वर्ष 2015 में अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. अब उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां एक मृत व्यक्ति के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया. जब इसकी जानकारी घरवालों को हुई तो वे परेशान हो गए. उनका कहना है कि पुलिस उनसे मृत्यु प्रमाण पत्र मांग रही है, जोकि नहीं है. उस समय उन्होंने श्मशान घाट पर ले जाकर मृतक का अंतिम संस्कार तो कर दिया, जिसकी पर्ची तो है, लेकिन डेथ सर्टिफिकेट नहीं है.
कानपुर के हरबंश मोहाल निवासी विनोद दीक्षित का छोटा भाई दुर्गेश दीक्षित अपने रिश्तेदार के यहां विजय नगर कॉलोनी में ज्यादातर रहा करता था. वर्ष 2009 में दुर्गेश का झगड़ा स्थानीय युवकों से हो गया, जिसके बाद उसके ऊपर मारपीट, धमकी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
शराब के सेवन से अस्पताल में मौत
विनोद के मुताबिक, उनका भाई दुर्गेश शराब का ज्यादा सेवन करता था, जिसकी वजह से उसका लिवर खराब हो गया. उसका काफी इलाज कराया गया, लेकिन वर्ष 2015 में अस्पताल में इलाज के दौरान दुर्गेश की मृत्यु हो गई. दुर्गेश अकेला था और रिश्तेदार के साथ रहता था, इसलिए परिजनों ने उसका मृत्यु प्रमाणपत्र भी नहीं बनवाया.
विनोद ने बताया कि कुछ दिनों पहले पुलिस उनके भाई को ढूंढते हुए उसी रिश्तेदार के यहां पहुंची. वहां पर पुलिस को बताया गया कि दुर्गेश की मौत दस साल पहले हो चुकी . पुलिस ने मृत्यु प्रमाणपत्र मांगा तो रिश्तेदारों ने प्रमाणपत्र ना बनवाने की बात कही, जिसके बाद पुलिस ने वारंट थमा दिया. वारंट के अनुसार, दुर्गेश को 19 मार्च को कोर्ट में तलब किया गया है.
जो मर गया, वह कैसे कोर्ट जाएगा?
विनोद का पूरा परिवार अब परेशान है. उनके अनुसार दुर्गेश अकेला था और घर में आता भी नहीं था. इसलिए उस समय मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बनवाया, सिर्फ श्मशान घाट की पर्ची है. वहीं पुलिस लगातार चेतावनी दे रही है कि तारीख पर दुर्गेश को हाजिर कर दे.