राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होंगे स्वामी प्रसाद मौर्य, अखिलेश बना सकते हैं दूरी

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होंगे स्वामी प्रसाद मौर्य, अखिलेश बना सकते हैं दूरी

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है. यूपी में यात्रा के पहले दिन राहुल गांधी ने नौबतपुर में एक जनसभा को संबोधित भी किया. यात्रा के प्रवेश के साथ ही यूपी की सियासत गर्म हो गई है. अब देखना है कि यात्रा में अखिलेश यादव शामिल होते हैं या नहीं.

बिहार में राहुल गांधी की न्याय यात्रा की एक फोटो आई हैं. जिसमें एक ही जीप पर राहुल के साथ तेजस्वी यादव सवार हैं, पर गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर आरजेडी नेता तेजस्वी हैं. तस्वीर का मतलब ये है कि बिहार में इंडिया गठबंधन अब तेजस्वी यादव के हवाले है. यूपी के राजनैतिक हालात भी कुछ ऐसे ही हैं. राजनैतिक समीकरण के हिसाब से तो यहां गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर अखिलेश यादव को होना चाहिए. तय हुआ था कि यूपी में राहुल गांधी की यात्रा आने से पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में सीटों का तालमेल हो जाएगा. लेकिन अब तक फार्मूला नहीं बन पाया है.

इस बीच चर्चा है कि समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य राहल गांधी की यात्रा में 18 फरवरी को प्रयागराज में शामिल होंगे. स्वामी प्रसाद मौर्या इन दिनों अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं. दो दिन पहले ही उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दिया है.

कांग्रेस यूपी में 20 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. पार्टी की एलांयस कमेटी ने अखिलेश को इन बीस सीटों की लिस्ट दी है. साल 2009 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर कांग्रेस ने अपनी डिमांड रखी है, लेकिन समाजवादी पार्टी इस बार कांग्रेस के लिए सिर्फ 15 सीटें ही छोड़ने को तैयार है. पार्टी की तरफ से इन 15 सीटों की लिस्ट कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक को भेज दी गई है.

राहुल गांधी की न्याय यात्रा अब यूपी में पहुंच गई है. चंदौली के नौबतपुर में उन्होंने एक सभा भी की. हालांकि, यात्रा के यूपी में प्रवेश के दौरान पार्टी की महासचिव और राहुल की बहन प्रियंका भी शामिल होने वाली थीं, लेकिन तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. अब देखना होगी प्रियंका गांधी यात्रा में कब शामिल होती हैं. अखिलेश यादव पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वे भी राहुल की यात्रा में रायबरेली में शामिल होगे. न्याय यात्रा 20 फरवरी को रायबरेली पहुंचेगी.

कांग्रेस-सपा में फिर से तनातनी

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के रिश्तों में फिर से तनातनी शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस के कुछ नेता उनकी पार्टी को तोड़ने में लगे हैं. बताया गया है कि समाजवादी पार्टी के कुछ विधायकों से कांग्रेस के लोग संपर्क में हैं. सबसे ताजी मामला पल्लवी पटेल का है. वे तकनीकी रूप से समाजवादी पार्टी की विधायक हैं. वे अपना दल कमेरावादी पार्टी की नेता हैं. पर पिछले चुनाव में साइकिल के निशान पर विधायक चुनी गई हैं. वे राहुल गांधी की न्याय यात्रा में प्रयागराज में शामिल हो सकती हैं.

राज्यसभा चुनाव में किसी पिछड़े को टिकट न देने के फैसले से वे अखिलेश यादव से नाराज हैं. सूत्र बताते हैं कि पल्लवी के परिवार से कोई लोकसभा का चुनाव भी लड़ सकता है. अपना दल कमेरावादी पार्टी का दावा है कि कुर्मी समाज के लोगों का समर्थन उसके साथ है. दो साल पहले यूपी चुनाव से पहले पल्लवी पटेल की पार्टी का समाजवादी पार्टी से गठबंधन हुआ था. पर अब उन्हें अखिलेश यादव के बदले राहुल गॉंधी बेहतर नेता लगने लगे हैं.

सपा 16 सीटों पर घोषित कर चुकी है उम्मीदवार

समाजवादी पार्टी पहले ही 16 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. इनमें से दो सीटों को लेकर विवाद बढ़ गया है. कांग्रेस पार्टी खीरी से रवि वर्मा को टिकट देना चाहती है. जबकि अखिलेश यादव ने उत्कर्ष वर्मा को चुनाव लड़ने को कह दिया है. पूर्व सांसद रवि वर्मा पिछले ही साल समाजवादी पार्टी छोड़ कर कांग्रेस में आए हैं. कांग्रेस में शामिल होने के समय उन्होंने अखिलेश पर कई तरह के आरोप लगाए थे.

अब समाजवादी पार्टी किसी भी सूरत में रवि वर्मा के लिए सीट छोड़ने को तैयार नहीं है. इमरान मसूद का मामला भी कुछ ऐसा ही है. कांग्रेस उन्हें सहारनपुर से चुनाव लड़ाना चाहती है, लेकिन समाजवादी पार्टी इसके लिए तैयार नहीं है. पार्टी का आरोप है कि इमरान मसूद लगातार अखिलेश यादव की बुराई और मायावती की तारीफ़ करते रहते हैं. ऐसे नेताओं को समाजवादी पार्टी एडजस्ट करने के मूड में नहीं है.

भदोही और धौरहरा सीट देने को भी तैयार नहीं

समाजवादी पार्टी ने चार दिन पहले ही पंद्रह सीटों वाली लिस्ट कांग्रेस को भेज दी थी. लेकिन कांग्रेस की तरफ़ से उस पर आगे कोई बातचीत नहीं हुई है. समाजवादी पार्टी न तो भदोही सीट देने को तैयार है, न ही धौरहरा. कांग्रेस पार्टी भदोही से राजेश मिश्रा को चुनाव लड़ाना चाहती है. समाजवादी पार्टी का कहना है कि मिश्रा वाराणसी से सांसद रहे हैं, इसीलिए वहां से चुनाव लड़ें. समाजवादी पार्टी के कहने पर कांग्रेस ने महाराजगंज सीट की डिमांड छोड़ दी है.

यात्रा से क्यों दूरी बना सकते हैं अखिलेश?

पहले कांग्रेस यहां से अपने प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत्र के लिए सीट मांग रही थी. अखिलेश यादव के एक करीबी नेता ने बताया कि कांग्रेस ने उनके एक विधायक को कानपुर से लड़ने का ऑफर दिया है. अगले दो दिनों में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में फार्मूला तय नहीं होने पर राहुल की यात्रा से अखिलेश अलग हो सकते है.

एक दिन पहले ही वे कह चुके हैं कि रायबरेली और अमेठी कांग्रेस का गढ़ नहीं है. ये दोनों उनकी परंपरागत सीटें हैं. अखिलेश का दावा है कि समाजवादी पार्टी के समर्थन से ही वहाँ कांग्रेस जीत पाती है. सूत्रों का कहना है कि अखिलेश सीटों का बंटवारा न होने पर राहुल गांधी की न्याय यात्रा से अलग भी हो सकते हैं. अगर साथ चुनाव नहीं लड़ना है तो फिर साथ नज़र क्यों आएं!