झारखंड: हम बरहेट से चुनाव नहीं लड़ेंगे… लुईस मरांडी ने बताई BJP छोड़ने की वजह

झारखंड: हम बरहेट से चुनाव नहीं लड़ेंगे… लुईस मरांडी ने बताई BJP छोड़ने की वजह

झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टियों में अदला बदली हो रही है, जहां भाजपा के विधायक पार्टी छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो रहे हैं. दुमका से विधायक रही लुईस मरांडी ने भी भाजपा का साथ छोड़ दिया. इसकी वजह लुईस ने भाजपा में दुमका से टिकट न मिलने को बताई.

झारखंड में चुनाव नजदीक हैं और तारीखों का ऐलान भी हो गया है. झारखंड की 81 सीटों पर दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को मतदान होंगे और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे. चुनाव से पहले भाजपा विधायक पार्टियां छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं. सोमवार को पूर्व विधायक लुईस मरांडी और कुणाल सारंगी ने भाजपा छोड़ झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम लिया. अब लुईस मरांडी ने भाजपा छोड़ने की वजह बताई.

जेएमएम में शामिल होने के बाद लुईस मरांडी ने कहा कि हमने पार्टी को बहुत लंबा समय दिया है. हमने रात को रात नहीं माना और अनवरत हम जनता की सेवा करते रहे. हमने पार्टी के हर निर्देश का बहुत ही ईमानदारी से पालन किया लेकिन जब चुनाव आया, तो पार्टी ने हमें कहा कि आपको बरहेट से चुनाव लड़ना है. हमने 24 सालों का समय दुमका को दिया है, तो हम बरहेट में जाकर कैसे चुनाव लड़ेंगे. वहां की एक चीज हम नहीं जानते, जबकि दुमका की मैं एक-एक चीज जानती हूं लेकिन बरहेट से हमारा कभी आना-जाना नहीं हुआ. इसलिए हमने कहा कि हम बरहेट से चुनाव नहीं लड़ेंगे.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात

उन्होंने आगे कहा कि हमारे मना करने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई और दुमका से किसी और का नाम आ गया. इसके बाद हमने फैसला ले लिया कि जब हमने जनता की सेवा का संकल्प ले लिया है, तो सेवा साधारण तरीके से भी होती है, जो हम पिछले पांच सालों से कर भी रहे हैं लेकिन असल में जैसी सेवा होनी चाहिए ऐसी नहीं हो पाती. इसके लिए मंच चाहिए होता है. इसलिए हम चुनाव लड़ना चाहते हैं. फिर हमारी माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात हुई और उन्होंने सहज स्वीकार किया.

झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल

पूर्व विधायक लुईस मरांडी ने सीधे तौर पर भाजपा को छोड़ने की वजह उन्हें दुमका सीट से टिकट न दिए जाने को बताई. क्योंकि इस बार दुमका से बीजेपी ने सुनील सोरेन को टिकट दिया है. इस बात से नाराज होकर लुईस मरांडी ने पार्टी छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होने का फैसला लिया. वो पूर्व की रघुवर दास वाली सरकार में मंत्री रह चुकी हैं.