UP: फिर विवादों में राजा भैया, कंपनी के डायरेक्टर ने कराई FIR, लगाया ये बड़ा आरोप

UP: फिर विवादों में राजा भैया, कंपनी के डायरेक्टर ने कराई FIR, लगाया ये बड़ा आरोप

कुंडा विधायक राजा भैया एक बार फिर से चर्चा में हैं. राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. उन पर फर्जी हस्ताक्षर कर कंपनी निदेशक को पद से हटाने सहित शेयर में फ्रॉड करने का जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

यूपी के कुंडा विधायक राजा भैया एक बार फिर से चर्चा में हैं. राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. उन पर फर्जी हस्ताक्षर कर कंपनी निदेशक को पद से हटाने सहित शेयर में फ्रॉड करने का जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

शुक्रवार रात लखनऊ के हजरतगंज थाने में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर द प्रॉपर्टीज कंपनी के पूर्व निदेशक की तहरीर पर दर्ज की गई है. हजरतगंज कोतवाली में 120B 419,420,467,468,469,471,506 जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. कंपनी के पूर्व निदेशक आशुतोष सिंह ने ये मुकदमा दर्ज करवाया है.

राजा भैया और पत्नी भानवी पर संगीन आरोप

आशुतोष ने राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी पर आरोप लगाया है कि षड्यंत्र करके और दबाव बनाकर उनको कम्पनी के निदेशक पद से हटाया गया है. आशुतोष सिंह ने आरोप लगाया कि वह कंपनी गठन के समय से शेयर धारक हैं. आशुतोष सिंह का कहना है कि जब से ये कंपनी बनी थी तब से वह शेयर होल्डर हैं. उनके फर्जी हस्ताक्षर करने के साथ अन्य तमाम तरह का फर्जीवाड़ा और षड्यंत्र कर उनको कपनी के निदेशक पद से हटाया गया है.

आशुतोष से मांगा गया था इस्तीफा

आशुतोष ने आगे आरोप लगाया है कि ये पूरा फर्जीवाड़ा भानवी सिंह ने किया है. इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर भानवी सिंह पर नामजद और अन्य अज्ञात पर धोखाधड़ी, साजिश रचने, फर्जीवाड़ा करने और धमकी देने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. केस की जांच के आधार पर सबूत जुटाए जाएंगे, जो साक्ष्य होंगे उस आधार पर कार्रवाई होगी. आशुतोष के मुताबिक उन्होंने मामले की शिकायत कानपुर के रजिस्ट्रार ऑफिस में भी की है. एफआईआर के मुताबिक भानवी सिंह ने पहले आशुतोष से निदेशक पद से इस्तीफा मांगा, आशुतोष ने जब इस्तीफा देने से इनकार कर दिया तो उनको धमकी देकर दबाव डाला गया. आरोप है कि बाद में उनके फर्जी साइन करके इस्तीफा तैयार किया गया जिसके आधार पर उनको कंपनी से बाहर निकाला गया.