गजब! डबल डेकर बसों का तोहफा प्रयागराज को, पर दौड़ेंगी लखनऊ में; आखिर क्यों?

गजब! डबल डेकर बसों का तोहफा प्रयागराज को, पर दौड़ेंगी लखनऊ में; आखिर क्यों?

प्रयागराज में महाकुंभ के बाद मिली डबल डेकर इलेक्ट्रिक बसें अब लखनऊ भेजी जा रही हैं. शहर की सड़कों पर ऊंचाई की वजह से इन बसों के संचालन में बाधा आ रही थी. उपयुक्त मार्ग न मिल पाने के कारण यूपी रोडवेज ने ये फैसला लिया है.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, अभी तक सरकारी मुख्यालय ही प्रयागराज से लखनऊ शिफ्ट हो रहे थे, लेकिन अब तो महाकुंभ में संगम नगरी को मिला डबल डेकर बसों का तोहफा भी प्रयागराज से लेकर लखनऊ को दे दिया गया है. रोडवेज के इस फैसले पर शहर के लोग तंज कस रहे और कह रहे हैं नाम की “बस”. वहीं कुंभ नगरी के लिए आई डबल डेकर बसें अब लखनऊ में चलेंगी.

महाकुंभ संपन्न होने के बाद शासन से तोहफे में मिली डबल डेकर बसों का तोहफा प्रयागराज से छीन लिया गया है. संगम नगरी में इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस नहीं चलेगी. यूपी रोडवेज ने ये फैसला लिया है कि ये बसें अब लखनऊ की सड़कों पर दौड़ेंगी. प्रयागराज को मिली दो डबल डेकर बसें बिना यात्रियों को चढ़ाए ही लखनऊ रवाना होने को तैयार हैं. प्रयागराज शहर के नैनी में खड़ी संचालन के लिए हरी झंडी का इंतजार करते करते इन बसों की स्टीयरिंग लखनऊ की तरफ मोड़ दी गई है.

बसों की ऊंचाई बनी रुकावट

वजह जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. शहर में कोई ऐसा रूट नहीं मिला जहां ये बिना रुकावट चल सकें. इसलिए परिवहन निगम ने इन बसों को लखनऊ में चलाने का फैसला लिया. क्षेत्रीय प्रबंधक रविंद्र कुमार ने कहा कि शहर में कई रूटों का सर्वे किया गया, लेकिन बसों की ऊंचाई के कारण उपयुक्त मार्ग नहीं मिला. सड़क पर कोई ऊपरी अवरोध नहीं होना चाहिए. अब इन्हें लखनऊ भेजा जा रहा है, वहीं इनका संचालन होगा.

इन रूटों पर चलाने का था प्लान

महाकुंभ के बाद इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसों को चलाने का प्लान था. बसें भी शहर आ गई थीं. इन बसों को एयरपोर्ट रोड, फाफामऊ रूट पर चलाने की योजना थी, लेकिन ऊंचाई ने सारी हवा निकाल दी. सड़कों पर बिजली के तार, पेड़ों की टहनियां और पुलों की सीमित ऊंचाई ने डबल डेकर बसों के चलाने के अरमानों पर ब्रेक लगा दिया. फाफामऊ से सिविल लाइंस तक का रास्ता ही ऐसा मिला, जहां कोई ऊपरी अवरोध नहीं था. लेकिन वहां पहले से इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है, और दूरी भी कम है इसलिए एक ही रूट पर फिर से डबल डेकर बसों का संचालन बेइमानी लगेगा. कई सर्वे और बड़े-बड़े दावों के बावजूद शहर में ऐसा कोई रूट नहीं मिला, जहां ये ऊंची बसें बिना किसी रुकावट के चल सकें.