बेबी अरिहा शाह मामले में जारी है जर्मन अधिकारियों से बात, बोले विदेश सचिव विनय क्वात्रा
जर्मन चांसलर दो दिनों के भारत दौरे पर आए हैं. इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे मुलाकात की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार को जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से मिलने के बाद, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि बेबी अरिहा शाह की कस्टडी के मामले को भारत जर्मन अधिकारियों के साथ बारीकी से देखा रहा है. विदेश सचिव ने कहा, “यह बहुत ही संवेदनशील चीज है, ऐसी चीज जिसकी हम गहराई से परवाह करते हैं, कुछ ऐसा है जिस पर हमारा दूतावास माता-पिता और जर्मन अधिकारियों के साथ बहुत करीबी संपर्क में है.”
विदेश सचिव ने कहा, “चूंकि इसमें एक बच्चा शामिल है, गोपनीयता के संबंध में गंभीर मुद्दे हैं. मुझे नहीं लगता कि मेरे लिए उन पर टिप्पणी करना सही होगा. लेकिन यह ऐसी चीज है जिसकी हम गहराई से परवाह करते हैं. हम बहुत संवेदनशील हैं और नियमित रूप से माता-पिता से संपर्क में हैं.”
क्या है पूरा मामला?
मामला 2020 का है जब जर्मन प्रशासन ने आरिहा के माता-पिता पर उनके बच्चे का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए उसे कस्टडी में ले लिया था. अरिहा के पिता वर्क वीजा पर जर्मनी में बतौर इंजीनियर काम कर रहे थे. उस वक्त अरिहा 7 महीने की थी. उसके डायपर में खून मिलने के बाद जर्मन अधिकारियों ने उसे कस्टडी में ले लिया था. वहीं मामले पर अरिहा के माता-पिता का कहना है कि एक छोटी दुर्घटना में बच्ची को चोट लग गई थी.
अरिहा शाह फिलहाल जर्मनी के एक फॉस्टर होम में है. ये वो जगह है जहां उन बच्चों की देखभाल होती है जो अनाथ हैं या उनके मां बाप उनकी देखभाल करने में असमर्थ हैं. अरिहा के माता-पिता काफी समय से कस्टडी पाने की कोशिश में है लेकिन इसका अभी तक कोई हल निकला है. इसके बाद उन्होंने ये भी अपील की कि अगर आप बेटी को वापस नहीं दे सकते तो किसी एक पैरेंट को उसके पास रहने दें. हालांकि जर्मन अधिकारियों ने इस रिक्वेस्ट को भी खारिज कर दिया. इसके बाद ट्विटर पर #BoycottGermany भी ट्रेंड करने लगा था.