रंग बरसे… गीत का एक-एक शॉट देखिए, अमिताभ-रेखा की कैमेस्ट्री समझ आती है

रंग बरसे… गीत का एक-एक शॉट देखिए, अमिताभ-रेखा की कैमेस्ट्री समझ आती है

Holi Song 'सिलसिला' फिल्म का 'रंग बरसे भीगे चुनर वाली' गीत होली के समस्त गीतों में सबसे अलग है. इसके बिना होली की उमंग अधूरी. इस गीत में देशज मिठास है तो रोमांटिकता की अपनी-सी छटा. ऊपर से अमिताभ-रेखा की सदाबहार जोड़ी इस गीत को अमर बना देती है.

फिल्मों में होली के जितने भी गाने हैं, उनमें ‘सिलसिला’ फिल्म का गीत ‘रंग बरसे भीगे चुनर वाली’ गाना अमिताभ बच्चन और रेखा की ऑन स्क्रीन और ऑफ स्क्रीन कैमेस्ट्री की गॉसिप को लेकर भी काफी लोकप्रिय रहा है. होली के गीतों में यह सबसे निराला है. मानों यह होली का प्रमोशनल सांग है. सालों से इस गीत का जादू बरकरार है. जोश और जवानी की ऊर्जा से लबरेज. जब भी होली आती है फिजां में इस गीत का गूंजना लाजिमी है. होली के टॉप 5 गानों में इस गाने का अपना खास पोजीशन है.

सिलसिला फिल्म का ये होली गीत अपनी कई खासियतों से भी लैस है. खुद अमिताभ बच्चन की आवाज में गाया गया ये गाना जब-जब सुनाई देता है, अक्स में अमिताभ और रेखा की रोमांटिक तस्वीरें घूमने लगती हैं. उनके और रेखा को लेकर उस दौर में की हर गॉसिप की झलकें हमारी आंखों में अपनी खास जगह बनाने लगती हैं. हरिवंश राय बच्चन के लिखे इस गाने का एक-एक शॉट याद आने लगता है. हर शॉट में अमिताभ बच्चन और रेखा की कैमेस्ट्री स्क्रीन पर जैसे बोल पड़ती है.

पहला शॉट पहली नजर

शिव-हरि के संगीत से सजा रंग बरसे गाना जैसे ही शुरू होता है पहले शॉट में ही रेखा के ऊपर रंगों की बौछार होती है. ग्लैमरस रेखा रंगों से सराबोर रहती है. उसकी आंखों में शरारत है और हाव भाव में रोमांटिक हरकतें. इसके बाद दूसरे शॉट में अमिताभ बच्चन नजर आते हैं. सफेद कुर्ता पायजामा और उसके ऊपर रंग बिरंगी छटाएं. अमिताभ की आंखें अपने विशेष प्रभाव के लिए विख्यात हैं. इस गाने पर उनकी आंखों की चढ़ी हुईं पुतलियां और पलकों के ऊपर माथे पर उभरी हुई नसों को कभी गौर से देखिएगा.

रंगरसिया हो रंगरसिया

अमिताभ बच्चन आसमान में रंग बिरंगे फूल उछालते हैं. कुछ फूल रेखा के ऊपर गिरते हैं. वह मस्ती के साथ झूम रहे हैं और गाना शुुरू होता है – रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे. अमिताभ रेखा के चारों तरफ घूमते रहते हैं, मानो वह बहुत नशे में हों. फूलों और रंगों को उड़ाते रहते हैं, रेखा की चुन्नी को पकड़कर उससे ठिठोली करते हैं. रेखा शर्माती है. चुन्नी छुड़ाती है. उससे दूर होने की कोशिश करती हैं. तभी अमिताभ गाते हैं – रंगरसिया हो रंगरसिया…

इसी के साथ अब ये गाना पूरे रंग में आ जाता है. वहीं जया बच्चन भी हैें और संजीव कुमार ढोलक पर ताल दे रहे हैं. मुखड़े के बाद जब अमिताभ बच्चन और संजीव कुमार ढोलक पर लंबी थाप लगाते हैं तब का शॉट देखने लायक है. रेखा पीछे से अमिताभ बच्चन को किन हसरत भरी निगाहों से देख रही है. और अमिताभ किस कदर ढोलक बचाने में मशगूल हैं. कैमरा और डायरेक्शन भी कमाल का है.

अमिताभ-रेखा का फसाना

इसके बाद ये गाना पूरे रंग में आ जाता है. अमिताभ बच्चन का हर एक्शन रेखा की ओर मुखातिब है और रेखा का हर अंदाज अमिताभ बच्चन के लिए प्रदर्शित हो रहा है. हालांकि वहीं पर फिल्म के अंदर रेखा के पति का किरदार निभा रहे संजीव कुमार मौजूद हैं और जया बच्चन भी लेकिन अमिताभ और रेखा की इस कैमेस्ट्री पर इसका कोई असर नहीं दिखता है. दोनों एक दूसरे से मुखातिब और बावस्ता हैं. मस्ती में चूर हैं.

दोनों होली की मस्ती में चूर

गाने के बीच में तो गजब ही हो जाता है. संजीव कुमार ढोलक बजा रहे हैं. और उनके सामने उनकी पत्नी का किरदार निभाने वाली रेखा को अमिताभ बच्चन हाथ पकड़कर अपनी ओर खींच लेते हैं और साथ में डांस करने पर मजबूर कर देते हैं. संजीव कुमार अपने खास अंदाज में कनखियों से सारा माजरा देखते हैं और वहीं जया भी इसे देखकर चकित हैं लेकिन अमिताभ और रेखा की मस्ती पर इसका कोई असर नहीं. उन्हें जमाने की कोई परवाह नहीं.

चाबे गोरी का यार बलम तरसे

गाने के अंतरे में जब जब ‘चाबे गोरी का यार बलम तसरे’ पंक्ति आती है, अमिताभ रेखा की ओर बेहद इश्काना भाव प्रदर्शित करते हैं और संजीव कुमार की तरफ ‘बलम तरसे‘ कहकर तंज कसते हैं. पूरा समां मजाकिया और रोमांटिक हो जाता है. देखने वाले अमिताभ बच्चन की रसिकता के कायल हो जाते हैं. कहते हैं अमिताभ बच्चन इस गाने पर अपनी रोमांटिकता को भरपूर तरीके से जीते हैं.

कैमेस्ट्री है सदा के लिए

वैसे तो ये सारा वाकया फिल्म के इस गाने के सीन की स्क्रिप्ट का हिस्सा है लेकिन यश चोपड़ा ने जिस कैमेस्ट्री और स्टार कंबिनेशन के प्रभाव को दिखाने के लिए ‘सिलसिला’ बनाई और एक चुनौतीपूर्ण कहानी के साथ अमिताभ, रेखा, संजीव कुमार और जया बच्चन को तैयार किया, वह अपने आप में ऐतिहासिक है. यश चोपड़ा की कामयाबी की वजह से ही य़ह गीत और ये फिल्म सालोें साल तक इन सितारों की कैमेस्ट्री की कहानी कहती रहेगी. जब जबह होली आएगी अमिताभ-रेखा की इस कैमेस्ट्री की कहानी दुहराती रहेगी.