पेरेंट्स की अनबन समेत इन 5 गलतियों से बच्चों की पर्सनालिटी होती है डाउन
पेरेंटिंग से जुड़ी गलतियां अगर लगातार हो तो बच्चे को भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं उसकी पर्सनालिटी को भी नुकसान होता है. जानें वो कॉमन गलतियां जो बच्चों की पर्सनालिटी को डाउन करती हैं.
बच्चों का पहला स्कूल उनका घर होता है और उनके टीचर माता-पिता होते हैं. बच्चे को कैसे संस्कार देने हैं, वह बाहर कैसा व्यवहार करेगा, किस तरह खाएगा ये सब पेरेंट्स के द्वारा उठाए गए कदमों पर निर्भर होता है. इसे सीधे शब्दों में बच्चों की पर्सनालिटी डेवलपमेंट भी कह सकते हैं. बता दें कि पेरेंट्स बनना एक बड़ी जिम्मेदारी है और इस निभाना आसान नहीं है. पेरेंटिंग से जुड़ी गलतियां अगर लगातार हो तो बच्चे को भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं उसकी पर्सनालिटी को भी नुकसान होता है.
व्यक्तित्व को निखारने के लिए प्रयास करने के साथ-साथ कई बातों को ध्यान रखना भी जरूरी है. जानें वो कॉमन गलतियां जो बच्चों की पर्सनालिटी को डाउन करती हैं.
माता-पिता की बहस
पेरेंट्स बनने के बाद एक कपल को अपने व्यवहार पर खास ध्यान देना चाहिए. वैवाहिक जीवन में झगड़े होते हैं पर अगर ये बढ़ने लगे तो बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. प्यार और स्नेह से वंचित बच्चे को पर्सनालिटी डिसऑर्डर को फेस करना पड़ता है. वह लोगों के बीच ठीक से व्यवहार नहीं करता है और ये व्यक्तित्व को बड़ा नुकसान है.
प्रॉब्लम को फिक्स न करना
बिजी लाइफ की वजह से ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों की समस्याओं का हल नहीं निकलाते हैं. यही रवैया लगातार अपनाया जाए तो बच्चा अपनी बात या समस्या को कहना बंद भी कर सकता है और आगे चलकर बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. माता-पिता को हमेशा बच्चों की समस्याओं को पहले सुनना चाहिए.
ज्यादा उम्मीद लगाना
पढ़ाई से लेकर एक्टिविटीज में एक्टिव होना जरूरी है पर कई पेरेंट्स ऐसे भी होते हैं जो अपने बच्चे से ज्यादा उम्मीद लगाने लगते हैं. इस भूल की सजा बच्चे को मानसिक रूप से पीड़ित बना सकती है. वह दबाव में अपना नुकसान तक करने लगता है.
नियमों को इग्नोर करना
बच्चे की लाइफ में एंट्री के बाद अमूमन हर माता-पिता का ध्यान अपने बच्चे पर ही रहता है. अधिकतर पेरेंट्स प्यार में जरूरी नियमों को भी दरकिनार कर देते हैं. बच्चा जिद्दी और बदतमीज हो सकता है और पर्सनालिटी डिसऑर्डर के पीछे ये गलती सबसे बड़ा कारण होती है.
गलती में भी सपोर्ट करना
पेरेंट्स या घर के बड़े अगर बच्चे के गलत होने पर भी उसका साथ देने लगे तो भविष्य और पर्सनालिटी को नुकसान होना तय है. बच्चा झगड़ा करे या शैतानी उसे हमेशा समझाने की प्रवृति को अपनाना चाहिए. क्योंकि व्यवहार करने के लिए संस्कारों का होना बहुत जरूरी है.