आया राम, गया राम अब बहुत हुआ… शाह बोले- नीतीश के लिए BJP के दरवाजे बंद
केंद्रीय गृह मंत्री ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राज्य को प्रदान की जाने वाली केंद्रीय सहायता का भी जिक्र किया. जहां उन्होंने दावा किया कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग के शासन के दौरान बिहार को मिलने वाली मदद से कहीं ज्यादा है, जिसमें लालू प्रसाद स्वयं एक मंत्री थे.
पटना: राजधानी पटना में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और आरजेड़ी से हाथ मिलाया है. शाह ने कहा कि नीतीश कुमार की यह महत्वाकांक्षा हर तीन साल में जोर पकड़ लेती है. दरअसल, बीजेपी के नेता शाह ने पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार आरजेड़ी नेता तेजस्वी यादव को अगला सीएम बनाने के लिए सहमत हो गए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि वह वह ऐसा कब करना चाहते हैं.
वहीं, बाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा में अमित शाह ने नीतीश कुमार पर बिहार को ‘जंगल राज’ में धकेलने का आरोप लगाया है, जिसके लिए वह पूर्ववर्ती कांग्रेस और आरजेडी शासन को दोषी ठहराया करते थे. अमित शाह ने कहा, आया राम, गया राम अब बहुत हुआ, नीतीश कुमार के लिए पार्टी के दरवाजे अब हमेशा के लिए बंद हैं.
लालू की गोद में और सोनिया गांधी के चरणों में बैठे नीतीश कुमार
अमित शाह ने कहा कि जय प्रकाश नारायण के दिनों से कांग्रेस और ‘जंगलराज’ के खिलाफ जीवन भर संघर्ष करने के बाद अब नीतीश कुमार बिहार में ‘जंगलराज’ लाने वाले लालू प्रसाद की गोद में और सोनिया गांधी के चरणों में बैठ गए हैं. ऐसे में वह प्रधानमंत्री पद की अपनी महत्वाकांक्षा के लिए ‘विकासवादी’ से ‘अवसरवादी’ बन गए हैं.
ये भी पढ़ें: दूध उत्पादन में बिहार कैसे बनेगा नंबर-1, जब चारा चोर सरकार में है शामिल- शाह
तेजस्वी को CM बनाने के लिए हुआ ‘गुप्त समझौता’- अमित शाह
जनसभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार की पार्टी पर नए गठबंधन सहयोगी के हावी होने की आशंकाओं की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए कहा कि पानी और तेल मिल नहीं सकते. इसलिए, यहां जो आरजेडी है वह तेल की तरह सतह पर तैरता है. जबकि, जेडीयू पानी की तरह नीचे रहता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले साल गठबंधन बनाने के समय, जेडीयू नेता ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के साथ उनके बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए एक ‘गुप्त समझौता’ किया था. शाह ने परोक्ष तौर पर उपेंद्र कुशवाहा के हाल ही में जदयू छोड़ने की ओर इशारा करते हुए कहा, इससे जेडीयू में ही बहुत भ्रम पैदा हो गया है.
अमित शाह ने आगे कहा कि लोगों के मन में भी संदेह पैदा हो गया है. यदि उन्होंने नीतीश कुमार इस तरह का समझौता किया है, तो उन्हें उस तारीख को सार्वजनिक करना चाहिए. जिस दिन वह अपने कनिष्ठ को प्रभार सौंपना चाहते हैं. ऐसे में राज्य को ‘जंगल राज’ में धकेलना चाहते हैं, जिसे उन्होंने जड़ से उखाड़ने की कसम खाई थी.
BJP पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में बनाए अपनी सरकार- शाह
केंद्रीय गृहमंत्री ने याद दिलाया कि बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनावों में जेडीयू की तुलना में कहीं अधिक सीटें जीती थीं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुमार को एक और कार्यकाल के लिए समर्थन देने का अपना वादा निभाया. चूंकि, बीजेपी के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले अमित शाह ने कहा, नीतीश और लालू बिहार को पिछड़ेपन के भंवर से बाहर नहीं निकाल सकते. यह सही समय है कि बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में अपनी सरकार बनाए. हालांकि, अगले लोकसभा चुनाव में इसे साबित कर दिखाएंगे.
गृहमंत्री बोले- 2024 में फिर से PM मोदी को चुनें
इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राज्य को प्रदान की जाने वाली केंद्रीय सहायता का भी जिक्र किया. जहां उन्होंने दावा किया कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग के शासन के दौरान बिहार को मिलने वाली मदद से कहीं ज्यादा है, जिसमें लालू प्रसाद स्वयं एक मंत्री थे. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन को नहीं रोक सकते. साल 2024 में फिर से नरेंद्र मोदी को दो-तिहाई बहुमत से चुनें और हम इस तरह के प्रयासों पर रोक लगाएंगे.
ऐसे में लगभग आधे घंटे के अपने भाषण में, अमिक शाह ने सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट हवाई हमले, अनुच्छेद 370 के अधिकतर कानून निरस्त करने और इस्लामी संगठन पीएफआई पर प्रतिबंध जैसे साहसिक कदमों का भी जिक्र किया.
ये भी पढ़ें: विपक्षी मोर्चाबंदी के लिए कांग्रेस का इंतजार, साथ आए तो 100 सीट भी नहीं पाएगी BJP- नीतीश
(इनपुट- भाषा)