Paytm के आए ‘अच्छे दिन’, बेहद घट गया घाटा-इनकम बढ़ी 52 प्रतिशत
देश के इतिहास में अपने समय तक का सबसे बड़ा आईपीओ लाने वाली डिजिटल पेमेंट कंपनी 'पेटीएम' का घाटा जनवरी-मार्च तिमाही में काफी नीचे आया है. इसके उलट इस दौरान कंपनी की इनकम 52 प्रतिशत बढ़ी है. पढ़ें ये खबर...
नोटबंदी के दौर में लोगों के बीच तेजी से पैठ बनाने वाले डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म ‘पेटीएम’ की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के लगता अच्छे दिन आ रहे हैं. पेटीएम का घाटा जनवरी-मार्च तिमाही में काफी नीचे आया है. जबकि कंपनी का कंसोलिडेटेड रिवेन्यू 52 प्रतिशत बढ़ गया है. अब देखना ये है कि क्या इससे कंपनी के शेयर होल्डर्स को भी फायदा होता है या नहीं ?
बताते चलें कि पेटीएम ने अपने समय तक का देश में सबसे बड़ा आईपीओ लॉन्च किया था. 18,000 करोड़ रुपये से अधिक के इस आईपीओ में लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया, लेकिन लिस्टिंग के दिन ही उन्हें 25 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान हुआ. तब से कंपनी के शेयर नीचे ही बने हुए हैं.
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हालांकि शुक्रवार को कंपनी का शेयर 3 प्रतिशत बढ़कर 691.40 रुपये पर बंद हुआ था, जबकि इसका लिस्टिंग प्राइस 1955 रुपये था, और आईपीओ प्राइस 2150 रुपये था.
अब भी 168 करोड़ रुपये का घाटा
भले पेटीएम का घाटा जनवरी-मार्च तिमाही में नीचे आया हो, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि कंपनी नुकसान में नहीं है. अब भी ये घाटा 150 करोड़ रुपये से अधिक का है. जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड लॉस 168 करोड़ रुपये रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की इसी तिमाही में 761 करोड़ रुपये था. वहीं इससे ठीक पहले वाली अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ये घाटा 392 करोड़ रुपये था.
कंपनी का कंसोलिडेटेड रिवेन्यू 52 प्रतिशत बढ़कर 2,335 करोड़ रुपये हो गया है. पेटीएम लगातार अपना रिवेन्यू बढ़ाने की कोशिश कर रही है ताकि वह प्रॉफिट में आ सके. कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर कई वैल्यू एडेड सर्विस शुरू की हैं. हाल में एयरटेल पेमेंट्स बैंक का विलय पेटीएम में करने को लेकर भी दोनों कंपनियों के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ है.
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ऑपरेटिंग लेवल पर प्रॉफिट में कंपनी
पेटीएम की ओर से बताया गया है कि ऑपरेशन लेवल पर कंपनी ने 101 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की इसी अवधि में ये 368 करोड़ रुपये थी. वहीं पेटीएम प्लेटफॉर्म पर कुल बिकने वाले सामान की वैल्यू (ग्रॉस मर्चेडाइज वैल्यू) सालाना आधार पर 40 प्रतिशत बढ़कर 3.62 लाख करोड़ रुपये रही है. कंपनी के प्लेटफॉर्म पर मंथली ट्रांजेक्टिंग यूजर्स भी सालाना आधार पर 27 प्रतिशत बढ़कर 9 करोड़ हो चुके हैं.