Rajnandgaon Lok Sabha Seat: पहले कांग्रेस अब बीजेपी का बना गढ़, मैदान में पूर्व CM भूपेश बघेल, करा पाएंगे पंजे की वापसी

Rajnandgaon Lok Sabha Seat: पहले कांग्रेस अब बीजेपी का बना गढ़, मैदान में पूर्व CM भूपेश बघेल, करा पाएंगे पंजे की वापसी

राजनांदगांव 2024 में छत्तीसगढ़ के सबसे चर्चित लोकसभा क्षेत्र में रहने वाला है. यहां-कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है तो बीजेपी ने यहां अपने मौजूदा सांसद संतोष पांडे को. इसके बाद यहां मुकाबल दिलचस्प होने के आसार हैं. चुनाव परिणाम के दिन सभी की निगाहें इस सीट पर टिकी हुई रहेगी.

देश के 543 और छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्र में से एक राजनांदगांव लोकसभा सीट सूबे की एक प्रमुख वीआईपी सीट है. एक तरफ जहां इसबार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है तो वहीं बीजेपी ने यहां अपने मौजूदा सांसद संतोष पांडे को मैदान में उतारा है. राजनांदगांव से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह विधायक चुने गए हैं. इसलिए भी यह सीट खास हो जाता है. 2024 में छत्तीसगढ़ हाई प्रोफाइल सीट बनने जा रहा है और यहां मुकाबल दिलचस्प होने के आसार हैं. चुनाव परिणाम के दिन सभी की निगाहें इस सीट पर टिकी हुई रहेगी. बीजेपी के संतोष पांडे अभी राजनांदगांव को सांसद हैं. बीजेपी यहां लगातार चार बार जीत दर्ज कर चुकी है.

संतोष पांडे ने 2019 में कांग्रेस पार्टी के भोला राम साहू को हराया है. पांडे को जहां 50.68 प्रतिशत मत मिले थे वहीं कांग्रेस के भोला राम साहू को 42.11 वोट मिले. तीसरे स्थान पर रहे बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार रविता लाकड़ा को 1.31 प्रतिशत वोट मिले थे.

भोला राम साहू को हराया

बीजेपी उम्मीदवार संतोष पांडे ने कांग्रेस के भोला राम साहू को 1,11,966 वोटों से हराया था. बीजेपी के संतोष पांडे को जहां 662,387 वोट मिले थे वहीं कांग्रेस पार्टी के भोला राम साहू को 5,50,421 वोट जबकि तीसरे स्थान पर रहे बीएसपी के रविता लाकड़ा (ध्रुव)को महज 17,145 वोट मिले थे. बीएसपी उम्मीदवार रविता लाकड़ा को नोटा 19,436 से भी कम वोट मिले थे.

2014 में बीजेपी के दूसरी जीत

इससे पहले 2014 में बीजेपी के अभिषेक सिंह ने कांग्रेस के कमलेश्वर वर्मा को 2,35,911 वोटों से हराया था. अभिषेक सिंह को जहां 6,43,473 वोट मिले वहीं कांग्रेस के कमलेश्वर वर्मा को 4,07,562 वोट. तीसरे स्थान पर रहे बीएसपी के आनंद साहू को 20,458 वोट मिले थे. चौथे स्थान पर 20,458 नरेंद्र बंसोड़ को 11704 वोट मिले.तीसरे और चौथे स्थान पर रहे उम्मीदवार को नोटा के 32,385 वोट से कम वोट मिले थे.

राजनांदगांव का चुनावी इतिहास

राजनांदगांव में 1957 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी के राजा बहादुर सिंह ने जीत दर्ज की थी. राजा बहादुर सिंह 1962 में कांग्रेस की टिकट पर संसद पहुंचे.1967 में कांग्रेस की पद्मावती देवी और 1971 में रामसहाय पांडे ने जीत हासिल की. 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में जनता पार्टी के मदन जीत दर्ज करने में कामयाब हुए. इसके बाद 1980 और 1984 में कांग्रेस के शिवेंद्र बहादुर सिंह जीत दर्ज करने में कामयाब हुए. 1989 में धर्मपाल सिंह गुप्ता ने बीजेपी की टिकट पर जीत दर्ज की. 1991 में एकबारशिवेंद्र बहादुर सिंह सांसद बने. 1996 में बीजेपी के अशोक शर्मा, 1998 कांग्रेस के मोतीलाल बोरा. 1999 में बीजेपी के डॉ. रमन सिंह. 2004 में बीजेपी के प्रदीप गांधी, 2009 में बीजेपी के मधुसूदन यादव ने जीत दर्ज की.

राजनांदगांव का वोट गणित

राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र आठ विधानसभा- डोंगरगांव, मोहला-मानपुर, डोंगरगढ़, खैरागढ़, खुज्जी, पंडरिया, कवर्धा और राजनांदगांव है. राजनांदगांव में कुल 17,16,459 मतदाता है. इनमें 8,57,304 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 8,59,149 है. यहां थर्ड जेंडर निर्वाचक 6 है. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां कुल मतदान प्रतिशत-76.15%. बात जातिगत समीकरण की करें तो राजनांदगांव लोकसभा सीट पर पिछड़ा वर् के वोटर निर्णायक है वहीं साहू समाज के भी वोट भी जीत हार तय कर सकते हैं. साहू समाज के करीब 5 लाख से ज्यादा वोटर हैं.

मां बम्लेश्वरी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर

राजनांदगांव का इतिहास गौरवशाली रहा है. इसे छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी कहा जाता है. यहां स्थित एशिया का पहला और एकमात्र संगीत विश्वविद्यालय इंदिरा कला एवं संगीत विवि के नाम से खैरागढ़ की पूरी दुनिया में विशेष पहचान है. डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। वहीं पर बौद्ध धर्म के अलावा जैन धर्म का भी बड़ा धार्मिक स्थल भी है.