रांची में झारखंड हाईकोर्ट के वकील पर फिर हमला, अपराधियों ने मारी गोली; हालत गंभीर
झारखंड की राजधानी रांची में हाई कोर्ट के अधिवक्ता बबन प्रसाद पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी. बबन कोर्ट से काम खत्म कर के अपने रातू वाले घर लौट रहे थे, इसी दौरान पहले से घात लगाए बाइक सवार दो अपराधियों ने उन पर फायरिंग कर दी. गोलीबारी की घटना में एक गोली अधिवक्ता के कंधे में लगी. गोली मारने के बाद दोनों अपराधी वहां से फरार हो गए.
झारखंड में इन दिनों अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है. आरोपियों ने रांची के रातू थाना क्षेत्र के ब्रजपुर गांव के पास झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता बबन प्रसाद को गोली मार दी. गोलीबारी की घटना को अंजाम देने के बाद बाइक सवार दोनों अपराधी फरार हो गए. अधिवक्ता बबन प्रसाद को कंधे में गोली लगी है. गोली चलाने की घटना के बाद पड़ोस के लोगों ने तत्काल मामले की जानकारी स्थानीय रातू थाने की पुलिस को दी. इसके साथ ही अधिवक्ता को बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां फिलहाल उनका इलाज चल रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक, अधिवक्ता बबन प्रसाद कोर्ट से काम खत्म कर के अपने रातू वाले घर लौट रहे थे, इसी दौरान पहले से घात लगाए बाइक सवार दो अपराधियों ने उन पर फायरिंग कर दी. गोलीबारी की घटना में एक गोली अधिवक्ता के कंधे में लगी. गोली मारने के बाद दोनों अपराधी वहां से फरार हो गए. मामले की सूचना मिलने के बाद अपराधियों की धर पकड़ के लिए पुलिस ने सभी चेक पॉइंट पर अपराधियों के लिए छापामारी की.
संपत्ति विवाद में चली गोली?
अधिवक्ता बबन प्रसाद का कुछ लोगों के साथ संपत्ति का विवाद था. आशंका जताई जा रही है कि इसी संपत्ति विवाद के कारण इन पर गोली चलाई गई और उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई, हालांकि, पुलिस इस मामले में हर तरीके से जांच कर रही है. इधर अधिवक्ता बबन प्रसाद पर हुई गोलीबारी की घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में अधिवक्ता रिम्स अस्पताल पहुंचे और घायल अधिवक्ता का हाल-चाल लिया. झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता बबन प्रसाद पर गोली चलाकर हत्या करने का प्रयास एक गंभीर और चिंताजनक घटना है.
झारखंड सरकार से जांच की मांग
उन्होंने आगे कहा कि इसकी जितनी भी कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम है क्योंकि यह घटना न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए खतरा है. अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि वो अपना काम सुरक्षित रूप से कर सकें. समाज को भी इस घटना की निंदा करनी चाहिए और अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए. उन्होंने झारखंड सरकार से मांग की कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए जिससे दोषियों को सजा मिल सके ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो.