उत्तराखंड: इस गांव में किन्नरों की नहीं चलेगी मनमानी, पंचायत ने फिक्स किया रेट
उत्तराखंड में रुड़की के आसपास किन्नरों का काफी आतंक था. मुंहमांगी बधाई नहीं मिलने पर वे लोगों को बेइज्जत करने में पीछे नहीं रहते थे. हालात को देखते हुए मेवड़ खुर्द गांव की पंचायत ने किन्नरों के लिए बधाई की रकम तय कर दी है.
उत्तराखंड में रुड़की के पास स्थित गांव मेवड़ खुर्द में अब बधाई के नाम पर किन्नरों की मनमानी बिलकुल नहीं चलेगी. बधाई के तौर पर उन्हें यदि कोई व्यक्ति 1100, 2100 या 3100 रुपये दे रहा है तो उन्हें लेना ही पड़ेगा. यदि कोई किन्नर इससे ज्यादा रकम की डिमांड करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई पंचायत स्तर पर होगी. इस संबंध में ग्राम पंचायत की आम सभा की बैठक में फैसला लेने के बाद गांव के प्रवेश द्वार पर बोर्ड लगवा दिया गया है.
ग्रामीणों के मुताबिक गांव के किसी के बच्चा हो या शादी, ये किन्नर आ धमकते हैं और 11 हजार, 21 हजार या 51 हजार की डिमांड करने लगते हैं. वहीं जब लोग इतनी रकम दे पाने में असमर्थता जताते हैं तो ये किन्नर उन्हें बेइज्जत करने से भी पीछे नहीं रहते. बीते दिनों हुई ऐसी कई घटनाओं को लेकर लोगों में काफी आक्रोश था. हालात को देखते हुए पिछले दिनों ग्राम पंचायत में आमसभा की बैठक बुलाई गई और सर्व सम्मति से किन्नरों के लिए बधाई राशि तय कर दी गई.
गांव के बाहर लगाया बोर्ड
ग्राम पंचायत के फैसले के बाद गांव की प्रधान रुचि देवी ने यह संबंध में गांव के बाहर बोर्ड लगा दिया है. इसमें साफ तौर पर कह दिया है कि कोई भी किन्नर यदि नागरिकों को परेशान करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. ग्रामीणों के मुताबिक इस बोर्ड को लगने के बाद किन्नर कई बार गांव में आए और प्रधान एवं ग्राम पंचायत के सदस्यों पर दबाव बना रहे हैं कि इस बोर्ड को हटा लिया जाए.किन्नर अब भरोसा भी दे रहे हैं कि आगे से वह ऐसी कोई हरकत नहीं करेंगे.
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खुशी के माहौल में अराजकता फैलाते थे किन्नर
हालांकि ग्राम प्रधान ने भी साफ कर दिया है कि यह पूरे गांव का फैसला है और अब यह बोर्ड यहां से नहीं हटेगा. इस फैसले को लेकर गांव के लोगों ने भी खुशी जताई है. गांव में रहने वाले लोगों ने बताया कि बीते कुछ समय से किन्नरों की मनमानी बढ़ गई थी. वह गांव में आते थे और जिस किसी के घर बच्चा पैदा हो या शादी हो, उनके घर में अराजकता का माहौल बना देते थे. ऐसे हालत में अपनी इज्जत बचाने के लिए लोगों को कर्ज लेकर इनकी डिमांड पूरी करनी पड़ती थी. अब पंचायत के इस फैसले से लोगों को काफी राहत मिली है.