समता कुंभ 2023: भगवान ने खुद माना था रामानुचार्य को आचार्य

समता कुंभ 2023: भगवान ने खुद माना था रामानुचार्य को आचार्य

रंगा रेड्डी जिले के मूचिंतल आश्रम में भव्य समता कुंभ का आयोजन किया जा रहा है, इस दौरान लोगों में समानता की भावना को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले में स्थित मूचिंतल आश्रम में समता कुंभ 2023 का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान स्टेच्यू ऑफ इक्वेलिटी श्री रामानुजाचार्य की मूर्ति के समक्ष कई भव्य आयोजन किए जा रहे हैं. यहा पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा हो रहे हैं. आश्रम के प्रमुख चिन्ना जियर स्वामी भगवान का प्रसाद देकर लोगों को आशीर्वाद भी प्रदान कर रहे हैं. यह समता कुंभ 12 फरवरी तक जारी रहेगा इस दौरान भगवान की दिव्य प्रतिमाओं की भव्य पूजन का आयोजन किया जा रहा है.

गुरुवार की सुबह मूतिंचल आश्रम में श्रद्धालुओं ने मेडिटेशन किया, जाप किया और यज्ञ में हिस्सा लिया. जिसके बाद स्वामी चिन्ना जियर ने भगवान का प्रसाद देकर भक्तों को आशीर्वाद दिया.

गुरुवार को यहां पर 108 विभिन्न जगहों से लाई गई मालाएं रामानुजाचार्य को अर्पित की गईं. रामानुजाचार्य को भगवान ने खुद आचार्य माना है. श्रीरंगम क्षेत्र में उन्होंने उनके माध्यम से अपने सन्निधान में सुधार किया. तिरुमाला में शंख और चक्र लिए गए. तिरुक्कुनगुडी पवित्र स्थान में नाम सुधार किया गया था. आचार्य के रूप में प्राप्त करने के अलावा, चिन्ना जियर स्वामी हर दिन जब तीर्थ गोष्ठी आयोजित करते हैं तो रामानुज की दिव्य आज्ञा को भी याद करते हैं.

108 दिव्यदेशों से पेरुमल भगवान अपनी मालाओं के अवशेष रामानुज को भेजते हैं. यह उनके लिए बहुत बड़ा सम्मान है. वास्तव में, रामानुज ने उन सभी को शिक्षकों के रूप में प्राप्त किया, इसलिए आचार्य वारिवास्य का नाम वारिवस्य है जिसका अर्थ है सेवा या पूजा. यह शब्द बहुत प्रचलित नहीं है.

रंगरामानुज स्वामी ने इसका परिचय दिया. इस शब्द का प्रयोग हम कई कार्यक्रमों में बुजुर्गों की सेवा करते समय भी करते हैं. अब आचार्य वैरिवास्य सभी पेरुमलों द्वारा रामानुज को सम्मान देने का कार्यक्रम है. भगवान को फूल मालाएं चढ़ाने के बाद उन्हें आशीर्वाद स्वरूप भक्तों को दिया जाता है.

शाम को भगवान की दिव्य 18 मूर्तियों के लिए गरुड़ सेवा का आयोजन किया गया. इस दौरान स्वामी ने कहा कि एक गरुड़ सेवा देखना अपने आप में बड़ी बात है, और इस समता कुंभ में लोगों को 18 दिव्य रूपों में भगवान दर्शन दे रहे हैं और उनकी गरुड़ सेवा देखने का सौभाग्य मिल रहा है.