05 मार्च तक शनिदेव रहेंगे अस्त, इस दौरान भूलकर नहीं करना चाहिए ऐसी गलतियां
शनि के राशि परिवर्तन अलावा इनका उदय और अस्त होना भी काफी अहम माना जाता है. शनिदेव 5 मार्च 2023 को रात को करीब 8 बजकर 46 मिनट पर कुंभ राशि में उदय होंगे.
शनि ग्रह का सभी ग्रहों में विशेष महत्व होता है. शनि ग्रह को न्याय और कर्मफलदाता माना गया है. यह सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह होते हैं. शनि की धीमी चाल से इनका असर ज्यादा दिनों तक रहता है. शनि किसी एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने पर करीब ढाई वर्षों का समय लेते हैं. ज्योतिष में शनि को दुख, रोग, पीड़ा और गरीबी के कारक ग्रह माने जाते हैं. मकर और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि होते हैं. तुला राशि शनि की उच्च राशि होती है जबकि मेष राशि इनकी नीच होती हैँ. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या बहुत ही मारक होती है.
शनि के राशि परिवर्तन अलावा इनका उदय और अस्त होना भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. शनिदेव 30 जनवरी 2023 को अपनी स्वयं की राशि कुंभ में अस्त हो गए हैं. शनिदेव 33 दिनों तक अस्त रहेंगे. ग्रहों के अस्त होने का मतलब उनका प्रभाव सूर्य देव के नजदीक आने पर क्षीण हो जाता है. शनिदेव 5 मार्च 2023 को रात को करीब 8 बजकर 46 मिनट पर कुंभ राशि में उदय होंगे. शनि के अस्त होने पर जिन राशि के जातकों पर शनि की सीढ़ेसाती या ढैय्या या फिर शनिदोष चल रहा है उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ज्योतिष में शनिदेव को कर्मफलदाता माना गया है. यह व्यक्ति को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं. ऐसे में शनि के अस्त होने पर लोगों को ऐसे करने से बचना चाहिए जिन वजह से शनिदेव नाराज हो जाते हैं.
– शनि के अस्त होने के दौरान जिन लोगों के ऊपर शनिदोष या साढ़ेसाती चल रही हो उन्हें मांस का सेवन नहीं करना चाहिए. जो लोग मांसाहारी होते हैं उन्हे शनि के अस्त होने के दौरान तक तामसिक भोजन करने से परहेज करना चाहिए. शनि के अस्त होने पर बुरे कर्म करने पर व्यक्ति को कार्यों में असफलता प्राप्त होती है.
– अगर आप चाहते हैं कि शनि आपके ऊपर नाराज न हो तो शनि के अस्त होने पर मदिरा का सेवन या फिर जुआ नहीं खेलना चाहिए.
– जो लोग अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करते हैं. माता-पिता के साथ रूखा व्यवहार करते हैं शनिदेव की उनके ऊपर कृपा नहीं बरसती है.
– शनि के अस्त होने के दौरान बेजुबान जानवरों को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाना चाहिए. जो लोग जानवरों को कष्ट देते हैं शनि की अशुभ द्दष्टि उन पर पड़ती है.
– जिन जातकों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगी हुई होती है उन्हे कभी भी बीमार, असहायों और गरीबों के साथ बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिए.
इन राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शनिदेव करीब ढाई साल के बाद अपनी राशि बदलते हैं. इस साल शनिदेव 17 जनवरी को मकर राशि की अपनी यात्रा को खत्म करके कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं. ऐसे में मकर,कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. वहीं मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है.