Shani Pradosh Vrat: कब पड़ेगा शनि प्रदोष व्रत और क्या है इसकी पूजा विधि और महत्व

Shani Pradosh Vrat: कब पड़ेगा शनि प्रदोष व्रत और क्या है इसकी पूजा विधि और महत्व

हिंदू धर्म में भगवान शिव की साधना तमाम तरह के कष्टों को दूर करके सुख-सौभाग्य दिलाने वाली मानी गई है. कुंडली से शनि का दोष और तमाम संकटों से उबारने वाला शनि प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

सनातन परंपरा में शिव एक ऐसे देवता हैं, जिनकी पूजा करने पर शीघ्र ही उनकी कृपा बरसती है. मान्यता है कि देवों के देव जिस व्यक्ति पर प्रसन्न हो जाते हैं, उसका पलक झपकते दु:ख और दुर्भाग्य दूर हो जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार यदि कोई शिवभक्त प्रत्येक कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि प्रदोष व्रत को विधि-विधान से करता है तो उसके जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और उसे जीवन में किसी भी प्रकार का रोग-शोक या भय नहीं रह जाता है. आइए जानते हैं शिव संग शनिदेव की कृपा बरसाने वाला प्रदोष व्रत कब पड़ेगा और क्या है इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त.

कब है शनि प्रदोष व्रत

पंचांग के अनुसार भगवान शिव के साथ शनिदेव का आशीर्वाद दिलाने वाला शनि प्रदोष व्रत 01 जुलाई 2023 को पड़ेगा. पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि 01 जुलाई 2023 को पूर्वाह्न 01:16 बजे से प्रारंभ होकर इसी दिन रात्रि 11:07 बजे समाप्त होगी. भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाने वाला प्रदोष काल इस दिन शाम को 07:23 से प्रारंभ होकर रात्रि 09:24 बजे तक रहेगा.

कैसे करें शनि प्रदोष की पूजा

शनि प्रदोष व्रत वाले दिन साधक को सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए और इसके बाद किसी शिवालय में जाकर या फिर अपने घर के मंदिर में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इसके बाद शाम के समय प्रदोष काल से पहले एक बार फिर स्नान करें और भगवान शिव की गंगाजल, पुष्प, फल, दीप, धूप, बेलपत्र, शमीपत्र, भस्म, चंदन आदि से पूजा करें. इसके बाद प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और अंत में महादेव की आरती करने के बाद अपनी मनोकामना उनके सामने कहें.

शनि प्रदोष व्रत का उपाय

यदि आपकी कुंडली में इस समय शनि दोष है और आप उसके चलते किसी न किसी मुसीबत में फंसे रहते हैं तो आपको शनि प्रदोष वाले दिन शिवलिंग पर जल और शमीपत्र चढ़ाने के बाद कम से कम एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जप जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा से जुड़े इस उपाय को करने से शनि संबंधी कष्ट दूर होते हैं और साधक को सुख, सौभाग्य, संपत्ति की प्राप्ति होती है. शनि प्रदोष व्रत को करने से संतान से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं और उससे सुख प्राप्त होता है.

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(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)