सीधी कांड: मुख्य आरोपी के घर पर चला बुलडोजर, मैजिक एप से फंसाकर 7 नाबालिग छात्राओं से की थी दरिंदगी

सीधी कांड: मुख्य आरोपी के घर पर चला बुलडोजर, मैजिक एप से फंसाकर 7 नाबालिग छात्राओं से की थी दरिंदगी

मध्य प्रदेश के सीधी जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने घटना के मुख्य आरोपी बृजेश प्रजापति के घर को बुलडोजर से ध्वस्त किया है. वह सीधी जिले के नौगंवा दर्शन सिंह गांव में रहता है. वारदात से पूरे इलाके में दहशत फैली हुई है. घटना से लोगों में गुस्सा है. इस गंभीर मामले में विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरा है.

मध्य प्रदेश के सीधी में मैजिक वॉइस ऐप्स के जरिए आवाज बदलकर आदिवासी छात्राओं को फंसाकर उनसे रेप करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया है. प्रशासन ने सनसनीखेज वारदात के मुख्य आरोपी बृजेश प्रजापति के घर पर बुलडोजर चलाया है. इस घटना में चार आरोपी शामिल हैं. प्रशासन ने बाकी तीन आरोपियों के मकानों पर भी बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी कर ली है.

सीधी केस में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन पर 7 नाबालिग आदिवासी छात्राओं के साथ रेप करने का आरोप है. पीड़ित छात्राएं सराकरी स्कूल में पढ़ती हैं. आरोपी आवाज बदलकर बात करने वाले मैजिक वॉइस ऐप्स की मदद से छात्राओं को फंसाते थे. वह उन्हें स्कॉलरशिप के बहाने सुनसान जगह पर बुलाकर उनसे रेप करते थे.

पीड़ित छात्राओं ने की थी पुलिस से शिकायत

आरोपियों की हवस का शिकार हुईं चार आदिवासी छात्राओं ने पुलिस से शिकायत की थी. पुलिस ने छात्राओं की शिकायत पर मुख्य आरोपी ब्रजेश प्रजापति समेत राहुल प्रजापति , संदीप प्रजापति और लवकुश प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने सात आदिवासी छात्राओं के साथ रेप करने की बात को कुबूल किया. घटना के सामने आने पर शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया. घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एसआईटी को जांच सौंपी है.

आवाज बदलकर फंसाते थे आरोपी

पीड़ित छात्राओं के मुताबिक, आरोपी बृजेश प्रजापति छात्राओं से उनके मोबाइल पर आवाज बदलकर बात किया करता था. इसमें उसके साथ तीन और आरोपी भी शामिल थे. वह मैजिक वॉइस ऐप्स के जरिए उन्हें स्कॉलरशिप दिलान के लिए फॉर्म भरवाने के बहाने सुनसान जगह पर बुलाते थे. वहां आरोपी उनके साथ रेप करते थे. आरोपी उनके मोबाइल से साथी छात्राओं के नंबर निकाल लेते थे, फिर वह उन्हें भी इसी तरह फंसाकर उनके साथ भी रेप की घटना को अंजाम देते थे. आरोपी बृजेश ने बताया कि उसने यूट्यूब पर इस एप के बारे में जाना था. मोबाईल में इसको डाउनलोड करके उन्होंने छात्राओं को फंसाया था.

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स्कॉलरशिप का झांसा देकर सात आदिवासी लड़कियों से बलात्कार का समाचार अत्यंत व्यथित करने वाला है. पुलिस का कहना है कि क्या मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की लड़कियां निर्भय होकर कॉलेज में पढ़ाई भी नहीं कर सकतीं? ऐसे हालात में “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” के नारे का क्या अर्थ रह जाता है? मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासी अत्याचार और महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन है. कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार का समाचार सामने न आता हो. मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूँ कि सभी पीड़ित छात्राओं को समुचित आर्थिक सहायता दी जाए. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए. बेटियों से अत्याचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख़्शा जाए?