दिल्ली बॉर्डर पर हिरासत में लिए गए सोनम वांगचुक समेत 150 लोग, राहुल गांधी बोल- ‘ये चक्रव्यूह भी टूटेगा’

दिल्ली बॉर्डर पर हिरासत में लिए गए सोनम वांगचुक समेत 150 लोग, राहुल गांधी बोल- ‘ये चक्रव्यूह भी टूटेगा’

दिल्ली पुलिस ने देर रात सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत 150 लोगों को सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में लिया है. सोनम वांगचुक लद्दाख से अपनी मांग को राष्ट्रीय राजधानी तक पैदल मार्च करते हुए दिल्ली की सीमा पर पहुंचे थे. वहीं, इसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अस्वीकार्य बताया है.

दिल्ली पुलिस ने सोमवार देर रात सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया है. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पुलिस उनके साथ करीब 150 लोगों को भी हिरासत में लिया है. जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली कूच को लिए निकले थे. लेकिन हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करते समय उन्हें सीमा पर हिरासत में ले लिया गया.

सोनम वांगचुक अपनी मांग लद्दाख से राष्ट्रीय राजधानी तक पैदल मार्च करते सिंघु बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करने वाले थे. पुलिस ने जलवायु कार्यकर्ता को रोकने के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी थी. वांगचुक समेत हिरासत में लिए गए लोगों को अलीपुर और शहर की सीमा से लगे अन्य पुलिस थानों में ले जाया गया है.

राजघाट पर धरने पर बैठने की थी योजना

सोनम वांगचुक समेत सभी प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पहले से ही पुलिस बल तैनात था. दिल्ली पुलिस ने कई लेन बंद कर रखी थीं और सिर्फ एक लेन खुली ही थी. इस वजह से बॉर्डर पर कई घंटों तक लंबा जाम लगा रहा. उत्तरी दिल्ली और मध्य दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए धारा 163 लगा दी गई थी.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को वापस जाने को कहा गया. वांगचुक और अन्य लोग सीमा पर रात बिताना चाहते थे. दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण पहले उन्हें वापस जाने को कहा गया. लेकिन जब वे नहीं रुके तो सीमा पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने वांगचुक समेत करीब 150 लोगों को हिरासत में ले लिया. जलवायु कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को राजघाट पर धरने पर बैठने की योजना बनाई थी.

‘चक्रव्यूह भी टूटेगा और आपका अहंकार भी’

सोनम वांगचुक के हिरासत में लिए जाने पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने देर रात X पर एक पोस्ट जरिए कहा कि सोनम वांगचुक और सैकड़ों लद्दाखयों को हिरासत में लेना अस्वीकार्य है. किसानों की तरह यह चक्रव्यूह भी टूटेगा. साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी सीधे निशाना साधा है.

उन्होंने लिखा कि, पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे सोनम वांगचुक और सैकड़ों लद्दाखयों को हिरासत में लेना अस्वीकार्य है. लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने वाले बुजुर्गों नागरिकों को दिल्ली बॉर्डर पर क्यों डिटेन किया जा रहा है? मोदी जी, किसानों की तरह यह चक्रव्यूह भी टूटेगा और आपका अहंकार भी. आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी.’

अनशन भी कर चुके हैं वांगचुक

सोनम वांगचुक अपनी मांग को लेकर 1 सितंबर को लद्दाख से दिल्ली चलो पदयात्रा पर निकले थे. उनकी मांग है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए. इससे पहले मार्च 2024 में उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग की थी. वे लद्दाख को औद्योगिक और खनन लॉबी से बचाने की मांग को लेकर अनशन पर भी बैठ चुके हैं.

छठी अनुसूची क्या है?

संविधान का अनुच्छेद 244 देश में अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है. अनुच्छेद 244 की छठी अनुसूची में चार राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम आते है. जबकी बांकी राज्य पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आते है. छठी अनुसूची में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित विशेष प्रावधान हैं. इसके तहत विधायी, न्यायिक और प्रशासनिक जैसे कुछ मामलों पर कानून बनाने का अधिकार भी है.