SC से दागी नेताओं पर आजीवन बैन लगाने की मांग, CJI ने कही ये बात

SC से दागी नेताओं पर आजीवन बैन लगाने की मांग, CJI ने कही ये बात

आजीवन बैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले पर संविधान पीठ में सुनवाई पूरी होने के बाद ही सुनवाई करेंगे.

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में सजायाफ्ता नेताओं पर चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाए जाने की मांग को लेकर एक याचिका लगाई गई है. सुनवाई के दौरान देश की सबसे बड़ी अदालत से याचिका लगाने वाले वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने कहा कि हमारे देश के सदन में जितने नेता है उनसे कहीं ज्यादा आपराधिक मामले हमारे पास हैं.

याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले पर संविधान पीठ में सुनवाई पूरी होने के बाद ही सुनवाई करेंगे.

गुजरात की जेल में बंद है अतीक

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जेल में बंद माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद पर एक बिजनेसमैन को अपहरण कर जेल में लाकर मारपीट करने की कथित घटना पर गंभीरता दिखाते हुए यूपी के देवरिया जेल से गुजरात के जेल में ट्रांसफर कर दिया था. वर्तमान में अतीक अहमद अहमदाबाद की जेल में बंद हैं.

इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को हत्या के प्रयास के एक मामले में जमानत दे दी. यह मामला कौशांबी जिले के पूरामुफ्ती पुलिस थाना में दर्ज कराया गया था. वर्तमान में अली अहमद प्रयागराज के नैनी केंद्रीय कारागार में बंद हैं.

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने पिछले दिनों याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया. जीशान नाम के एक व्यक्ति ने 31 जुलाई, 2022 को कौशांबी के पूरामुफ्ती थाना में अली अहमद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (षड़यंत्र) और अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अली अहमद ने जीशान को जान से मारने के लिए अपने साथियों को सुपारी दी थी.

अतीक की पत्नी BSP में शामिल

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि प्राथमिकी में आरोप है कि आठ व्यक्तियों ने वादी पर गोली चलाई, लेकिन वादी को कहीं चोट नहीं आई जो लगभग असंभव है, इसलिए यह पूरा मामला मनगढ़ंत है.

वकील ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता 20 साल का युवा विद्यार्थी है और दो अगस्त 2022 से जेल में बंद है. हालांकि उक्त आदेश के बावजूद अली अहमद जेल से रिहा होने में समर्थ नहीं होगा क्योंकि उसके खिलाफ प्रयागराज के करेली थाना में और एक आपराधिक मामला लंबित है और उसे उस मामले में जमानत मिलनी बाकी है.

दूसरी ओर, फूलपुर संसदीय सीट से पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पिछले महीने जनवरी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गईं. प्रयागराज के अलोपीबाग स्थित सरदार पटेल सेवा संस्थान में आयोजित बसपा के एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के नेताओं ने शाइस्ता परवीन को बसपा की सदस्यता दिलाई.

इनपुट- एजेंसी/ भाषा