एक परिवार…25 दफन, काल ने नहीं छोड़ा पीछा, जान बचाने के लिए बदला था आशियाना

एक परिवार…25 दफन, काल ने नहीं छोड़ा पीछा, जान बचाने के लिए बदला था आशियाना

तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए भूकंप के झटकों की वजह से अब तक 15000 से अधिक लोगों की मौत हुई है. इस भूकंप में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने अपना पूरा परिवार खो दिया है. इनमें से एक इदरीस भी हैं.

तुर्की और सीरिया में भूकंप की वजह से कई लोगों ने अपने परिवार को खो दिया है. भूकंप के बाद आई तबाही में एक सीरियाई शरणार्थी ने अपने 25 रिश्तेदारों को खो दिया है. सीरिया में गृह युद्ध से बचने के लिए शख्स का पूरा परिवार सुरक्षित आश्रय के लिए नॉथवेस्ट में स्थित सारकीब भाग गया था, लेकिन वहां भी किस्मत ने साथ नहीं दिया और अंत में पूरे रिश्तेदार खत्म हो गए.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक विस्थापित सीरियाई अमहद इदरीस ने कहा कि भूकंप की वजह से उनके रिश्तेदारी के अधिकतर सदस्यों की मौत हो गई है. भाग्य ने हमारा साथ नहीं दिया. इदरीस बुधवार को उस शवगृह पहुंचे थे जहां उनके प्रियजनों के शवों को रखा गया था. शवगृह में अपने पोते (ग्रैंडसन) के शव से लिपटते हुए कहते हैं कि तुमने मेरा दिल तोड़ दिया.

पोते के शव को गले से लगा भावुक हुए इदरीस

शव को गले से लगाए इदरीस कहते हैं, तुमने मेरा दिल दुखाया है, तुम्हारे साथ जो कुछ हुआ है उसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ हो सकता है. आगे कहते हैं, भूकंप में मैंने अपनी बेटी खो दी है. उसके दो बेटे, मतलब पोते, बेटी का परिवार, उसकी सास, उसके पति सबको मैंने खो दिया है. उसका एक बड़ा परिवार था घर में और भी कई बेटे थे. सब खत्म हो गया.

2012 में गृहयुद्ध गस्त इलाके से भाग था परिवार

Sky न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इदरीस के परिवार और रिश्तेदारों को मिलाकर कुल 25 लोगों को खो दिए हैं. इदरीस और उनका परिवार साल 2012 में सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध के बीच घर से भागकर सारकीब आ गया था और तब से शरणार्थी के रूप में यहीं रह रहा था. इदरीस कहते हैं कि अपने बच्चों और परिवार के लिए एक सुरक्षित आश्रय खोजते हुए हम यहां आए थे, लेकिन अंत में देखिए भाग्य ने हमारे साथ क्या किया.