15 दिन और 3 जासूस, अमेरिका के बाद अब कनाडा को टारगेट कर रहा चीन!
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पुष्टि की है कि उत्तर अमेरिकी हवाई क्षेत्र में एक और संदिग्ध ऑबजेक्ट को मार गिराया गया है.15 दिनों के अंदर आसमानी ऑब्जेक्ट पाए जाने की की ये तीसरी बड़ी घटना है.
अमेरिका और कनाडा के आसमान में एक बार भी जासूसी की कोशिश हुई. कल कनाडा के युकोन एयर स्पेस में संदिग्ध ऑब्जेक्ट देखा गया. अलास्का से उत्तरी कनाडा के हवाई क्षेत्र में घुसे इस संदिग्ध ऑबजेक्ट को मार गिराने के लिए कनाडा ने अमेरिका से मदद मांगी और अमेरिका के F-22 जेट ने फायरिंग कर संदिग्ध ऑब्जेक्ट को मार गिराया. उत्तरी अमेरिका के आसमान में 15 दिनों के अंदर आसमानी ऑब्जेक्ट पाए जाने की की ये तीसरी बड़ी घटना है. इस घटना से अमेरिका से लेकर कनाडा और मेक्सिको में भी हड़कंप है.
अभी तक यह जानकारी सामने नहीं आई है कि संदिग्ध ऑबजेक्ट कैसा था. इस ऑबजेक्ट को मारने से पहले जो बाइडन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. कनाडा की रक्षा मंत्री अनीता आनंद ने बताया कि संदिग्ध ऑब्जेक्ट 40000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था. इससे फ्लाइट्स के लिए खतरा पैदा हो गया था.
ऑब्जेक्ट के मलबे को रिकवर कर होगी जांच- पीएम ट्रूडो
बाइडन ने इस अभियान के लिए एनओआरएडी को सौंपे गए अमेरिकी लड़ाकू विमान को इस्तेमाल करने को कहा. अमेरिकी एफ-22 विमान ने एआईएम 9एक्स मिसाइल का इस्तेमाल कर संदिग्ध ऑबजेक्ट को मार गिराया. पीएम ट्रूडो ने कहा है कि युकोन में कनाडाई सेना अब ‘ऑब्जेक्ट के मलबे को रिकवर करेगी और उसकी जांच करेगी.’
इससे एक दिन पहले अमेरिका के एक लड़ाकू विमान ने अलास्का के उत्तरी तट के पास करीब 40 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ रही छोटी कार के आकार की एक वस्तु को बाइडन के आदेश पर मार दिया गया था. संदिग्ध ऑबजेक्ट को सबसे पहले नार्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (एनओआरएडी) ने देखा था. इसके बादएनओआरएडी ने इसपर 24 घंटे नजर रखी और राष्ट्रपति को जानकारी दी.
3 संदिग्ध ऑबजेक्ट्स को मार चुके हैं F-22 लड़ाकू विमान
एफ-22 लड़ाकू विमान अब तक तीन ऐसे संदिग्ध ऑबजेक्ट्स को मार चुके हैं, जिनमें से एक चीनी जासूसी गुब्बारा भी था. हालांकि दो ऑबजेक्ट कैसे थे, इसकी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है. अमेरिका ने एक सप्ताह पहले ही अटलांटिक महासागर में दक्षिण कैरोलाइना के तट के पास चीन के एक गुब्बारे को नष्ट किया था, जिसने 30 जनवरी को अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था. पेंटागन ने कहा है कि उक्त गुब्बारा एक बड़े निगरानी कार्यक्रम का हिस्सा था जिसे चीन ‘कई सालों’ से चला रहा है.
अमेरिका के आसमान में घूम रहे चीन के जासूस!
बड़ी बात यह है कि अमेरिका ने ताजा घटना से पहले ही दावा किया था कि जिस चीनी जासूसी गुब्बारे को पिछले दिनों मार गिराया गया था, वह एक ‘बेड़े’ का हिस्सा था, जो पांच महाद्वीपों में फैला हुआ है. चीन ने भी यह स्वीकार किया था कि यह गुब्बारा उसका था, लेकिन उसने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि इसका मकसद जासूसी करना था. चीन का कहना है कि इसका उद्देश्य मौसम संबंधी जानकारी जुटाना था.