खुदा न सही… खुदा से कम भी नहीं… यूं ही नहीं कोई मौत से जिंदगी छीन लाता
तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप में 17000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में सीरिया का यह संगठन लगातार लोगों की जान बचाने में लगा हुआ है.
लाशों का ढेर, खंडहर बनी इमारतें और मलबे में अपनों को तलाशते लोग. तुर्की और सीरिया की बात करते ही ये तस्वीरें आंखों के सामने आ जाती हैं. इस बीच एक और तस्वीर जेहन में आती है. सफेद हेलमेट पहने कुछ लोग, जो मौत से मुकाबला कर जिंदगी को काल के गाल से छीनकर निकाल रहे हैं. कहीं हाथों से मिट्टी खोदकर बच्चों को गोद में लिए बाहर निकलते दिखते हैं तो कहीं जान जोखिम में डालकर खुद ही मलबे के बीच घुस जाते हैं. कोई बढ़ई का काम करता है, तो कोई बेकरी चलाता है. कोई टेलर, पेंटर है तो कोई इंजीनियर या छात्र. लेकिन जब मुसीबत आती है तो सिर पर सफेद हेलमेट पहन निकल पड़ते हैं मौत से पंजा लड़ाने को.
सीरिया. वो देश जहां हर कदम पर मौत इंतजार में है. जहां के आसमान से पानी कम बम ज्यादा बरसते हैं. जहां की हवा में मिट्टी नहीं बल्कि बारूद की खुशबू है. ये लोग बेखौफ होकर मौत के मुंह में छलांग लगाते हैं. इन शूरवीरों के हाथों में हाथों में हथियार नहीं है. सुरक्षा के नाम पर बस सिर पर एक हेलमेट है. बस यही सफेद हेलमेट इनकी आन-बान-शान और पहचान भी है. हम बात कर रहे हैं The White Helmets की. ये खुदा नहीं हैं, लेकिन हजारों-लाखों लोगों के लिए इससे कम भी नहीं हैं.
एक लाख से ज्यादा को दी जिंदगी
इस समय में तुर्की में करीब 300 लोग व्हाइट हेलमेट पहने बचाव कार्य में जुटे हैं. The White Helmets सीरिया का एक सिविल डिफेंस ग्रुप है, जो बिना किसी सरकारी मदद के लोगों की मदद कर रहे हैं. उनके पास बहुत ज्यादा आधुनिक उपकरण नहीं हैं. फिर भी उन्हें अपने हाथों पर भरोसा है. बीते पांच साल में व्हाइट हेलमेट्स 1 लाख से ज्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं. कुरान में लिखी एक बात ही उनका लक्ष्य है-‘एक जिंदगी बचाना पूरी मानवता को बचाने के बराबर है’.
Miracles are repeated and voices embrace the sky again. Moments filled with joy as the child Karam was rescued from the ruins of a destroyed house in the village of Armanaz in the countryside of #Idlib, #Syria on the first day of the #earthquake. pic.twitter.com/eec9Ws91kn
— The White Helmets (@SyriaCivilDef) February 8, 2023
ये लोग दुनिया के ऐसे हिस्से में काम कर रहे हैं, जहां पल-पल पर मौत का खतरा है. खूंखार आतंकी ही नहीं बल्कि खुद सरकार भी अपने नागरिकों को निशाना बनाने से पीछे नहीं हटती. इसके बावजूद ये लोग अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा करने में लगे हुए हैं.
‘हर मिशन में 50 फीसदी ही चांस होते हैं कि मैं जिंदा बचूंगा और 50 फीसदी चांस होते हैं कि मैं मर जाऊंगा. लेकिन आखिर में मैं अपनी पहचान छोड़ता हूं.’ रैडी, व्हाइट हेलमेट
नोबेल के लिए हुए नामित, डॉक्यूमेंट्री को मिला ऑस्कर
2012 में शुरू हुए The White Helmets 2016 में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामित हो चुका है. यही नहीं नेटफिल्क्स पर इसे लेकर डॉक्यूमेंट्री भी आ चुकी है. इसके अलावा कई पुरस्कारों से इस संगठन को नवाजा जा चुका है. इस संगठन में 200 से ज्यादा महिलाएं भी हैं. दूसरों की जान बचाने की कोशिश में अक्सर खुद इनका सामना मौत से हो रहा है.
Night search and rescue operations in Jandires in the northern countryside of #Aleppo, where hundreds remain trapped under the rubble. We are racing against time. Every minute counts.#Syria #earthquake pic.twitter.com/xeOBrOxuIE
— The White Helmets (@SyriaCivilDef) February 8, 2023
बीते पांच साल में 250 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. कुछ की मौत दूसरों को बचाने की कोशिश में हुई. कुछ लोग रूस और सीरियाई हमलों के बीच फंसकर मारे गए. कई बच्चों को बचाने वाले खालिद उमर हाराह की मौत 2016 में एयर स्ट्राइक में हो गई.
‘लोगों को मारना आसान है, बचाना बहुत मुश्किल है.’ मुस्तफा, व्हाइट हेलमेट
A man was rescued alive from under the rubble of destroyed buildings in the city of Salqin, west of #Idlib, more than 24 hours after the violent #earthquake that struck northwestern regions of #Syria. Many still remain trapped. Response efforts are ongoing. pic.twitter.com/ZzqAoL0KQA
— The White Helmets (@SyriaCivilDef) February 7, 2023