Supreme Court: कूनो में चीतों की मौतों पर कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- राजस्थान और महाराष्ट्र भेजने पर हो विचार
केंद्र सरकार ने कहा कि टास्क फोर्स के सदस्यों सहित किसी भी अधिकारी के पास चीता प्रबंधन का कोई अनुभव नहीं है, क्योंकि चीता 1947-48 में देश से विलुप्त हो गया था.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में तीन चीतों की मौत पर गुरुवार को चिंता जताई है, बता दें ये कि चिता दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा दो महीने से भी कम समय में तीन चीतों की मौतें गंभीर चिंता का विषय है. केंद्र सरकार इस विषय पर राजनीति नहीं करना चाहिए. साथ ही कोर्ट ने केंद्र से कहा कि सरकार को चीतों को राजस्थान स्थानांतरित करने पर विचार करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा केंद्र सरकार राजस्थान में उपयुक्त जगह की तलाश क्यों नहीं करते? इसलिए क्योंकि वहां पर विपक्ष का शासन है. कोर्ट ने कहा कि विशेषज्ञों की रिपोर्ट और लेखों से ऐसा प्रतीत होता है कि इतनी बड़ी संख्या में चीतों के लिए केएनपी पर्याप्त नहीं है .विशेषज्ञों की राय और मीडिया के लेखों का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कूनो इतने सारे चीतों के लिए पर्याप्त नहीं है.
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केंद्र ने दी यह दलील
वहीं इस मामले पर केंद्र सरकार ने कहा कि चीतों को अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने सहित सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रही है.केंद्र सरकार ने कहा कि टास्क फोर्स के सदस्यों सहित किसी भी अधिकारी के पास चीता प्रबंधन का कोई अनुभव नहीं है,क्योंकि चीता 1947-48 में देश से विलुप्त हो गया था.
केंद्र और राज्य सरकारों ने अफ्रीकी देशों के साथ विनिमय यात्राओं, अध्ययन पर्यटन, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से बड़ी संख्या में वन अधिकारियों और पशु चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया है. ऐसे में उनके पास चीतों सहित अफ्रीकी वन्यजीव प्रजातियों के साथ काम करने का अनुभव है.
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