नरसंहार की 34वीं बरसी से पहले ब्रिटिश संसद में उठा कश्मीरी पंडितों का मुद्दा, प्रस्ताव पेश

नरसंहार की 34वीं बरसी से पहले ब्रिटिश संसद में उठा कश्मीरी पंडितों का मुद्दा, प्रस्ताव पेश

कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन, डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी के नेता जिम शैनन और लेबर पार्टी के नेता वीरेंद्र शर्मा ने 2023-24 सत्र के लिए भारत में जम्मू-कश्मीर के कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की 34वीं बरसी विषय पर प्रस्ताव पेश किया.

ब्रिटेन के तीन सांसदों ने एक प्रस्ताव पेश कर भारत सरकार से कश्मीरी पंडित समुदाय को न्याय देने की मांग की और ब्रिटेन सरकार से इस नरसंहार के पीड़ितों के पक्ष में अपनी प्रतिबद्धता जताने का आग्रह किया. प्रस्ताव आज यानी 19 जनवरी से पहले आया है, जिसे कश्मीरी पंडित 1990 में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों की धमकियों और हत्याओं के कारण कश्मीर घाटी से अपने समुदाय के पलायन की याद में निर्वासन दिवस के रूप में मनाते हैं.

ब्रिटेन की संसद की वेबसाइट पर उपलब्ध अर्ली डे मोशन (ईडीएम 276) के अनुसार कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन, डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी के नेता जिम शैनन और लेबर पार्टी के नेता वीरेंद्र शर्मा ने 2023-24 सत्र के लिए भारत में जम्मू-कश्मीर के कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की 34वीं बरसी विषय पर प्रस्ताव पेश किया. वेबसाइट पर लिखा है कि इस प्रस्ताव पर तीन सदस्यों ने साइन किए हैं. इसमें अब तक कोई संशोधन प्रस्तुत नहीं किया गया है.

प्रस्ताव पर तीन सांसदों का हस्ताक्षर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रस्ताव पर तीन सदस्यों ने साइन किए हैं. प्रस्ताव में लिखा है कि यह सदन जनवरी 1990 में सीमा पार इस्लामी आतंकवादियों और उनके समर्थकों द्वारा जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर हमलों की 34वीं बरसी गहरे दुख और निराशा के साथ मनाता है. यह सदन नरसंहार, दुष्कर्म, घायल और विस्थापित हुए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है.

कश्मीरी पंडितों को मिलें न्याय: सांसद

ब्रिटेन की संसद में पेश प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की संपत्तियों के कब्जे पर भी चिंता जताई गई है. इसमें भारत सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार को स्वीकार करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करें. भारतीय संसद में कश्मीर नरसंहार अपराध दंड और अत्याचार निवारण विधेयक पास कर कश्मीरी पंडितों को न्याय दिया जाए.