UP: चप्पल निकालने के लिए कुएं में उतरे 3 दोस्त, जहरीली गैस से घुटा दम; मौत

UP: चप्पल निकालने के लिए कुएं में उतरे 3 दोस्त, जहरीली गैस से घुटा दम; मौत

यूपी के बांदा जिले में कुएं में गिरी चप्पल निकालने के लिए एक के बाद एक तीन दोस्त उतर गए. कुएं में जहरीली गैस की वजह से तीनों का दम घुट गया और मौत हो गई. मौके पर पहुंची टीम ने सभी के शवों को बाहर निकाला है. फिलहाल प्रकरण की जांच की जा रही है.

उत्तर प्रदेश के बांदा में एक सनसनी खेज मामला सामने आया है जहां कुएं से चप्पल निकालने की कोशिश में तीन लोगों की मौत हो गई है. कुएं में गिरी चप्पल को निकालने के लिए गांव के तीन लोग एक-एक कर कुएं में उतरे और जहरीली गैस की वजह से वहीं बेहोश हो गए. गांववालों की माने तो कुएं के अंदर ही तीनों की जहरीली गैस के संपर्क में आने और दम घुटने से मौत हो गई थी. पुलिस प्रशासन और उपजिला कलेक्टर बबेरू ने मिलकर तीनों व्यकितियो को कुंए से बाहर निकलवाया. बचाव दल ऑक्सीजन सिलेंडर बांधकर पानी में उतरा और तीनों के शव बाहर निकाले गए. तीनों के अनिल पटेल, संदीप वर्मा और बाला वर्मा हैं.

यह घटना बिसंडा थाना के बड़ा गांव की है. दिन में अचानक एक जोड़ी चप्पल कुएं में गिर गई. तीन दोस्त वहां पर मौजूद थे, उन्होंने कहा कि चप्पल निकालना कुआं से जरूरी है. कुआं काफी समय से बंद पड़ा था और काफी गहरा था. पहले एक व्यक्ति कुएं में उतरा और चप्पल निकालने की कोशिश की लेकिन वह वहीं पर बेहोश हो गया.

इसके बाद दूसरा कुएं में उतर वह भी वहां पर बेहोश हो गया. इसके बाद तीसरा दोस्त कुएं में उतरा और जब वो भी बाहर नहीं निकला तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया. गांववालों ने जब देखा कि तीनों बेहोश हालत में कुएं में पड़े हुए हैं तब जाकर पुलिस और प्रशासन को सूचना दी.

मौके पर पहुंचे अधिकारी

सूचना पर घटनास्थल पर एसडीएम बेबरू रावेंद्र सिंह और पुलिस अधीक्षक बांदा अंकुर अग्रवाल अग्निशमन टीम के साथ पहुंचे. इसके बाद बचाव टीम ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क के जरिए नीचे उतरी और एक-एक करके तीनों को बाहर निकाला तीनों की मौत हो चुकी थी. पुलिस ने तीनों के शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमॉर्टम हेतु रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज भेज दिया. इधर तीनों के परिवारों में चीख-पुकार मच गई.

इस कोहराम से पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया इस मामले में पुलिस अधीक्षक बांदा ने बताया कि जो भी ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहायता जिला प्रशासन और शासन से होगी वह उनके परिवारों को मुहैया कराई जाएगी.