थम गईं मलबे में दबी बेटी की सांसें पर हाथ छोड़ने को तैयार नहीं पिता, बोले- वो दर्द…

थम गईं मलबे में दबी बेटी की सांसें पर हाथ छोड़ने को तैयार नहीं पिता, बोले- वो दर्द…

तुर्की के भूकंप में हजारों परिवारों ने अपने करीबियों को खो दिया. उन्हीं में से एक मेसुट हैंसर भी थे.

तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप ने हजारों परविरों को तबाह कर दिया. अकेले तुर्की में 44 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई जबकि कई घायल हुए. सैंकड़ों इमारतें ढह गई और हजारों लोगों ने अपने करीबियों को हमेशा-हमेशा के लिए खो दिए. अपने परिवार को खोने वालों में एक शख्स मेसुट हैंसर भी थे जिन्होंने अपनी बेटी को इस भूकंप में खो दिया. इस बीच उनकी एक तस्वीर भी सामने आई है जिसमें वह अपनी बेटी को पकड़े नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर के सामने आने के बाद दुनियाभर के लोग सहानुभूति व्यक्त कर रहे हैं.

एएफपी के मुताबिक हैंसर इस वक्त अंकारा में हैं. वह भूकंप के केंद्र के पास कहमनमारस से वहां चले गए थे. उन्होंने बताया कि मैंने भूकंप में अपनी मां, मेरे भाइयों, मेरे भतीजे को खो दिया. लेकिन एक बच्चे को दफनाने की तुलना किसी से नहीं की जा सकती है. इस दर्द को बताया नहीं जा सकता. भूकंप के बाद ठंड और बारिश में एक ऑरेंज रंग की जैकेट पहने हैंसर की तस्वीर कई अखबारों के पहले पन्नों पर पब्लिश हुई और लाखों बार ऑनलाइन देखी गई जिसमें वह मलबे से निकाली गई अपनी बेटी के हाथ को पकड़े हुए नजर आ रहे थे.

आर्टिस्ट द्वारा बनाई गई तस्वीर क्यों है खास?

ये तस्वीर तुर्की में हुए विनाश का प्रतीक बन गई थी. इस बीच हैंसर की अपनी बेटी के साथ एक और तस्वीर सामने आई है जो कि एक पेंटर ने बनाई है. इसमें हैंसर की बेटी इरमाक को एंजल के तौर पर दिखाया गया जिसे हैंसर अपनी गोद में पकड़े नजर आ रहे हैं. हेंजर को ये तस्वीर एक आर्टिस्ट की ओर से डोनेट की गई है. हैंसर ने कहा, मैं उसका हाथ नहीं छोड़ सकता था. मेरी बेटी अपने बिस्तर में एक परी की तरह सो रही थी. 6 फरवरी को सुबह 4.17 मिनट पर जब भूकंप आया तो हैंसर अपनी बेकरी में काम कर रहे थे.

बाद में उन्होंने घर पर फोन किया तो पता चला कि घर में उनकी पत्नी और 3 बड़े बच्चे एक मंजिला घर में बिल्कुल सुरक्षित थे. हालांकि उनका घर को भूकंप की वजह से नुकसान पहुंचा था. वहीं उनकी सबसे छोटी बेटी जो उस दिन अपनी दादी के घर पर रुकी थी उसका कोई पता नहीं चल पा रहा था. वह अपने कजिन्स के साथ समय बिताने के लिए दादी के घर पर रुकी थी. हैंसर दौड़ कर अपनी मां के घर पर पहुंचे तो देखा कि 8 मंजिला इमारत मलबे में ढह चुकी थी. उसी मलबे के बीच उनकी बेटी भी थी.

रेस्क्यू टीम के आने से पहले हैंसर ने खुद अपनी बेटी को मलबे से निकालने की कोशिश की थी. लेकिन असफल होने के बाद वह अपनी बेटी के पास जाकर बैठ गए थे. उन्होंने उस दिन को याद करते हुए बताया, मैंने उसका हाथ पकड़ा, मैंने उसके बालों को सहलाया, मैंने उसके गालों को चूमा. बता दें, अब एक बिजनेसमेन ने हैंसर को एक टीवी चैनल में प्रशासनिक नौकरी की पेशकश की है और परिवार को अंकारा में एक अपार्टमेंट दिया है.