5 फ्लोर की इमारत, 3 जिंदा! सब खत्म होने के बाद बचा सिर्फ तितली वाला पर्दा

5 फ्लोर की इमारत, 3 जिंदा! सब खत्म होने के बाद बचा सिर्फ तितली वाला पर्दा

इतना दर्द, इतनी सिसकन, इतने आंसू... शब्द जहां पर दम तोड़ रहे हैं वहां से शुरू हो रही है तुर्की के विनाशकारी भूकंप की दास्तां. हर कहानी में पहले से ज्यादा दर्द है. एक इमारत में रहने वाले परिवारों की कहानी...

एक घर सिर्फ ईंट, लोहा, सीमेंट, रेत से बना ढांचा नहीं होता. ये एक इंसान की यादों का पिटारा होता है. किसी की मौजूदगी का एहसास होता है. ढेर सारी यादों का चश्मदीद गवाह होता है. बहुत अरमानों के साथ कोई अपना घर बनाता है, सजाता है. मगर एक मिनट में अगर वो ढह जाए तो वो हताश हो जाता है…तुर्की में विनाशकारी ने भूकंप ने ऐसी सुंदर इमारतों, घरों को खंडहर बना दिया. वो कल तक जिसको घर कहा जाता है आज उसको मलबा कहा जा रहा है. इन्हीं मलबे के नीचे दबकर हजारों लोगों की मौत हो गई. मलबे के नीचे महज कुछ वस्तुए नहीं जिंदगी भर के अरमान बिखरे पड़े हैं…

साउथ तुर्की में एक शहर है इसकेंदेरून. यहां पर पांच फ्लोर की एक इमारत थी, जिसका नाम ऑर्कन अपार्टमेंट (Orcan Apartment) था. मल्टी लेवल बिल्डिंग का ग्राउंड फ्लोर एक डिलीवरी कंपनी ने लिया था. बाकी सभी फ्लोर में परिवार रहते थे. भूकंप में ये इमारत ढह गई. लगभग 15 लोग इस इमारत में मौजूद थे, जिसमें सिर्फ तीन लोगों की जान बच पाई है. पूरे-पूरे परिवार खत्म हो गए.

Turkey Earthquake

खंडहर में लहराता केवल पर्दा

इस भूकंप से पहले 19 वर्षीय सेडा ओकान अपनी सबसे अच्छी दोस्त दामला के साथ तितली वाला पर्दा खरीदने के लिए खरीदारी करने गई थी. मलबे के ढेर पर टूटी हुई खिड़की पर तितली प्रिंट का पर्दा लटका हुआ था. हर हवा के झोंके के साथ वो फड़फड़ाता है. यह Ceyda (सेडा) का कमरा है. 19 साल की सेडा ओकान ने इस्केंडरन शहर में अपनी सड़क पर उस खिड़की और उन पर्दों को देखा. अब उसकी सबसे अच्छा दोस्त दामला गिरे हुए अपार्टमेंट ब्लॉक पर देखरेख करने के लिए अपने परिवार के साथ सड़क पर है.

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एक भूकंप ने पूरे कम्यूनिटी को जुदा कर दिया

दामला पड़ोस में सेडा से तब मिली जब वह छह साल की थी और सेडा आठ साल की थी. वो हमेशा से करीब रहे. उन्होंने उन पर्दों को हाल ही में एक साथ खरीदा था. दामला रोते हुए कहती हैं कि हम दोनों तितलियों से प्यार करते हैं. उसके फोन पर उसकी बहन के साथ दामला के बर्थडे केक की तस्वीर है जो कि तितली के आकार में सजाया गया था.

भूकंप ने मिटा दिया अस्तित्व

साउथ तुर्की में कई इमारतों को इस सप्ताह अस्तित्व से मिटा दिया गया है, लेकिन यह 14 अन्य फ्लैटों के निवासियों के साथ-साथ सेडा और उसके परिवार के घर ओरकेन की कहानी है. भूकंप के बाद के दिनों में उनके दोस्त और परिवार अच्छे की उम्मीद में ओर्कन के पास इकट्ठा हुए और अपने प्रियजनों के बारे में बात कर रहे थे. वो कहते हैं कि हमने बुधवार को उत्साह का एक लम्हा देखा जब एक जीवित व्यक्ति को खुदाई के एक दिन से अधिक समय के बाद मलबे से निकाला गया.

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अपनों की तलाश में भटक रहे लोग

लोग अपनों की तलाश के लिए कैंप, अस्पताल सब जगह खोज रहे हैं. एक लंबी लिस्ट में नाम देखकर कुछ लोगों को तो अपनों का पता चल जा रहा है मगर अभी भी सैकड़ों लोग लापता है. Ceyda ने कहा कि हम लगातार तीन दिनों से ओर्कन अपार्टमेंट के पास जाते हैं. बचावकर्ताओं और पड़ोसियों ने हमें बताया कि वे तीन लोगों के बारे में जानते हैं जो बच गए थे. बाकी का कोई पता नहीं है.

एक दूसरे के साथ मिलजुलकर रहते थे लोग

इकट्ठा हुए लोगों ने कहा कि ओर्कन अपार्टमेंट में रहने वाले परिवार एक दूसरे से काफी अटैच रहते थे. लगता था जैसे एक ही परिवार के लोग हों. यहां पड़ोसी अक्सर चाय या हार्ड तुर्की कॉफी के लिए एक-दूसरे के घर जाते थे. ओर्कन और सड़क पर अन्य इमारतों के निवासियों के पास व्हाट्सएप समूह थे और नियमित मिलने-जुलने की व्यवस्था की. एक हफ्ते किसी के घर में तो दूसरे हफ्ते अगले के घर में बैठक होती थी. लोग मिलजुल पार्टी किया करते थे.

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मखमल की नाज़ुक दीवारें भी होंगी…

पीयूष मिश्रा की लिखी कुछ लाइंस है. कोक स्टूडियो में उन्होंने इन लाइंस को अपनी आवाज भी दी है. उनके इस गाने का हर शब्द आपके कानों से उतरकर दिल की अंतिम सतह तक जरूर पहुंचेगा. उजला ही उजला शहर होगा जिसमें हम तुम बनाएँगे घर, दोनों रहेंगे कबूतर से जिसमें होगा ना बाज़ों का डर, मखमल की नाज़ुक दीवारें भी होंगी, कोनों में बैठी बहारें भी होंगी, खिड़की की चौखट भी रेशम की होगी, चंदन से लिपटी हाँ सेहन भी होगी… एक घर को इससे बेहतर कौन बता सकता है. तुर्की में ऐसे कई इमारतें, मकान जमींदोज हो गए हैं जिनकी कहानियां कलेजा चीर रही हैं.