वैपिंग से स्किन को खतरा, जल्द आ सकता है बुढ़ापा! जानिए एक्सपर्ट की राय
रिसर्च के मुताबिक, ई-सिगरेट के धुएं से जहरीले केमिकल्स पैदा होते हैं.ई-सिगरेट में निकोटीन पाया जाता है, जो हमारी स्किन पर भी बुरा असर डालता है.
Vaping Side Effects: पिछले कुछ सालों में युवाओं के बीच वैपिंग का ट्रेंड खूब पॉपुलर हुआ है. खासकर जेन Z के लोगों में इसका क्रेज खूब देखने को मिल रहा है. वैपिंग ट्रेडिशनल स्मोकिंग से थोड़ी माइल्ड होती है. वैपिंग अक्सर युवाओं के लिए स्मोकिंग का काम ही करता है. लगभग आधे से ज्यादा युवा वयस्क वेपर्स के चलते स्मोकिंग कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैपिंग के भी हेल्थ को कई सारे नुकसान हैं.
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ सिगरेट पीने से रोजाना करीब 1,300 मौतें हो रही हैं. लेकिन वैपिंग के दीर्घकालिक प्रभावों का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है. रिसर्च के मुताबिक, ई-सिगरेट के धुएं से जहरीले केमिकल्स पैदा होते हैं. हमारे स्वास्थ्य पर धूम्रपान के हानिकारक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए यह सवाल उठता है कि हमारी त्वचा पर इसका क्या असर दिखता है? स्मोकिंग और वैपिंग हमारे कॉम्पलेक्शन पर क्या असर पड़ता है? आइए इन सवालों के जवाब तलाशते हैं.
वैपिंग से केमिकल निकलता है
वैपिंग के दौरान शरीर में रसायनों का प्रवाह होता है. हमारे लंग टिश्यू आसानी से गैसों को अवशोषित करते हैं और वाष्प में लंबे समय तक सांस लेने से कई टॉक्सिन्स वृद्धि होती है. वैपर्स में मौजूद कुछ संभावित रसायनों में फॉर्मल्डिहाइड, निकोटीन, डेरिवेटिव, प्रोपलीन ग्लाइकोल, टोल्यूनि, एसीटैल्डिहाइड, कैडमियम, निकल और लेड जैसी ट्रेस धातुएँ शामिल हैं.
स्किन पर पड़ता असर
सांस के जरिए शरीर में जाने वाले ये जहरीले पदार्थ त्वचा को भी प्रभावित करते हैं. जहरीले पदार्थों के साथ त्वचा कोशिकाओं की ओवरलोडिंग उनके सामान्य कार्यों को बाधित कर सकता है. इससे स्किन बैरियर को रिपेयरिंग करने का कार्य भी शामिल है. जिसके चलते समय से पहले उम्र बढ़ने के लक्षण पैदा हो सकते हैं.
निकोटीन- सिगरेट और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) दोनों में पाया जाने वाला एक ऐसा तत्व है ब्लड वेसेल्स को संकुचित करता है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है. जब त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता, तो त्वचा में जरूरी न्यूट्रिएंट्स नहीं जा पाते हैं. अपर्याप्त पोषक तत्वों के कारण झुर्रियों हो जाती हैं.