पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कम होना खतरनाक, जानिए किन बातों का रखें ध्यान

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कम होना खतरनाक, जानिए किन बातों का रखें ध्यान

हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कई बार लोगों को शरीर में टेस्टोस्टेरोनहार्मोन की कमी के बारे में पता नहीं चल पाता है. दरअसल, ये एक सीक्रेट हार्मोन होता है.

Low Testosterone: टेस्टोस्टेरोनहार्मोन का पुरुषों के लिए काफी महत्तव होता है. आपको बता दें कि यह हार्मोन पुरुषों के शारीरिक विकास के साथ-साथ उन्हें स्वस्थ रखने के लिए भी जरूरी है. टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की कमी के चलते पुरुषों में नपुंसकता, नींद की समस्याएं और थकान जैसी दिकक्तें हो सकती हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कई बार लोगों को शरीर में टेस्टोस्टेरोनहार्मोन की कमी के बारे में पता नहीं चल पाता है. दरअसल, ये एक सीक्रेट हार्मोन होता है. पुरुषों में इस हार्मोंन की मात्रा ज्यादा होती है. इसकी कमी से पुरुषों को कई दिक्कतें आ सकती हैं. आइए सबसे पहले इस हार्मोन के बारे में आपको बताते हैं.

टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का काम

  • पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी
  • हड्डियों का मजबूत रखना
  • फिजिकल इंटिमेसी को बढ़ाना
  • स्पर्म प्रोडक्शन को ठीक रखना
  • मसल्स को बढ़ाना

कब होता है कम?

हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का लेवल भी शरीर से कम होने लगता है. डॉक्टर्स के मुताबिक, 30 साल की उम्र के बाद पुरुषों में हर साल 1 या 2 फीसदी ये हार्मोन कम होने लगता है.इसकी कमी से शरीर को कई सारे नुकसान होते हैं. जैसे-

थकावट और एनर्जी की कमी

कम टेस्टोस्टेरोन के चलते थकान और एनर्जी में कमी होती है. कम टेस्टोस्टेरोन वाले पुरुषों को शारीरिक गतिविधि में शामिल होना अधिक चुनौतीपूर्ण लग सकता है. इसके साथ ही लोग सहनशक्ति में कमी का अनुभव हो सकता है.

सैक्शुअल डिस्फंकशन

कम टेस्टोस्टेरोन के कारण पुरुष सैक्शुअल डिस्फंकशन का शिकार भी हो सकते हैं. इसकी कमी के चलते पुरुषों को सेक्स ड्राइव में कमी का अनुभव हो सकता है. इसके अलावा, इरेक्टाइल डिस्फंकशन की समस्या भी हो सकती है.

फैट बढ़ जाता है

कम टेस्टोस्टेरोन से बॉडी का फैट भी बढ़ जाता है. इससे शरीर की संरचना में परिवर्तन हो सकता है और मोटापा बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है.

डिप्रेशन

टेस्टोस्टेरोन मूड के रेग्युलेट करने में अहम भूमिका निभाता है. टेस्टोस्टेरोन की कमी से चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन का जोखिम भी बढ़ जाता है.