UP: माध्यमिक शिक्षा परिषद के डायरेक्टर रहते कमाए 1.87 करोड़! सपा के पूर्व MLC वासुदेव यादव अरेस्ट

UP: माध्यमिक शिक्षा परिषद के डायरेक्टर रहते कमाए 1.87 करोड़! सपा के पूर्व MLC वासुदेव यादव अरेस्ट

समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी वासुदेव यादव को अरेस्ट किया गया है. आरोप है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक रहते हुए उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की. उनकी गिरफ्तारी प्रयागराज स्थित उनके घर से हुई है. यह मामला वर्ष 2014 से चल रहा है जब इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई थी.

समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान माध्यमिक शिक्षा परिषद के डॉयरेक्टर रहे वासुदेव यादव को वाराणसी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. वासुदेव यादव की गिरफ्तारी आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रयागराज स्थित उनके जॉर्ज टाउन स्थित घर से हुई है. उन्हें कई बार नोटिस दिया गया, बावजूद इसके हाजिर नहीं हुए तो गैर जमानती वारंट जारी हुआ. इसी वारंट के आधार पर वाराणसी पुलिस ने प्रयागराज पहुंच कर उन्हें गिरफ्तार किया है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले वासुदेव यादव पूर्व में सपा के बैनरतले एमएलसी भी रहे हैं.

वाराणसी पुलिस के मुताबिक वासुदेव यादव के ऊपर आरोप है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक बनने के बाद उन्होंने अवैध तरीके से 1.87 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की. यही नहीं, उन्होंने अपने पत्नी बच्चों के नाम पर करोड़ों की लागत से शिक्षण संस्थाएं खोलीं और उनके नाम से भी करोड़ों की संपत्तियां खरीदी थीं. इस संबंध में शिकायत मिलने पर प्रयागराज विजिलेंस ने मामले की जांच की थी और आरोपी सही पाए जाने पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया था. मामले की सुनवाई वाराणसी में हो रही है.

2012 में बने थे माध्यमिक शिक्षा परिषद के डॉयरेक्टर

प्रयागराज विजिलेंस ने इस मामले में वासुदेव यादव के खिलाफ जांच पूरी कर आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर दिया है. बता दें कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान शासन और प्रशासन में उस समय के एमएलसी वासुदेव यादव का काफी दबदबा था. इनकी हनक के चलते बड़े बड़े अधिकारी भी भरसक बचकर निकलने की कोशिश करते थे. अखिलेश यादव के बेहद करीबी रहे वासुदेव यादव को 5 मार्च 2012 में सरकार बनते ही इनाम मिला और महज दस दस दिनों के अंदर इन्हें माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी.

2014 में दाखिल हुई थी जनहित याचिका

वासुदेव यादव की बेटी निधि यादव भी समाजवादी पार्टी में काफी सक्रिय रहीं है और पार्टी की प्रवक्ता रह चुकी हैं. इनके खिलाफ समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान ही आरोप लगे और इलाहाबाद हाईकोर्ट में साल 2014 में एक जनहित याचिका दायर हो गई. इसमें आरोप लगा था कि वासुदेव यादव ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए अपनी पत्नी और बच्चों के नाम पर करोड़ों की लागत से शिक्षण संस्थाएं खोली हैं और संपत्तियां खरीदी हैं. इसमें दावा किया गया था कि दो करोड़ से अधिक की संपत्ति सिर्फ प्रयागराज के फूलपुर तहसील में है. इसके अलावा उनकी संपत्तियां सोरांव, हडिया तथा सदर तहसील में भी बताई गईं थीं.