नजदीकी से दूरी तक… आखिर मायावती ने MP दानिश अली को BSP से क्यों किया सस्पेंड?

नजदीकी से दूरी तक… आखिर मायावती ने MP दानिश अली को BSP से क्यों किया सस्पेंड?

जनता दल सेकुलर से बहुजन समाज पार्टी में आए और फिर अमरोहा सीट से लोकसभा सांसद बने दानिश अली को उनकी पार्टी ने 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है. 2018 में दानिश बीएसपी के साथ जुड़े और तेजी से मायावती के करीबी हो गए. लेकिन 2023 के जाते-जाते पार्टी से निलंबित कर दिए गए.

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कल रविवार (10 दिसंबर) को देशभर में पार्टी से जुड़े नेताओं की अहम बैठक बुलाई है. लखनऊ में होने वाली इस बैठक के दौरान आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होगी. साथ ही पिछले दिनों 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की भी समीक्षा की जाएगी. बड़ी बात यह है कि मायावती पहले ही अकेले अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं.

बीएसपी की मीटिंग से पहले ही मायावती ने अपनी पार्टी में सफाई अभियान शुरू कर दिया है. इस मामले में पहली गाज गिरी है अमरोहा से बीएसपी के लोकसभा सांसद दानिश अली पर. मायावती ने उन्हें छह सालों के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है. बीएसपी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है पार्टी विरोधी कामों में शामिल होने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई हुई है.

पार्टी ने दानिश को दिया था कई नोटिस

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि दानिश अली को पहले भी कई बार नोटिस दिया गया था. दानिश लगातार पार्टी स्टैंड के खिलाफ बयान दे रहे थे. संसद के बाहर उन्होंने कई बार ऐसे बयान दिए जिसके लिए उन्हें पार्टी अध्यक्ष मायावती की तरफ से मना किया गया था.

उन्होंने बताया कि कर्नाटक में करीब 6 साल पहले 2018 में जनता दल सेकुलर (जेडीएस) और कांग्रेस की सरकार में बीएसपी भी शामिल हुई थी. दानिश अली उन दिनों जेडीएस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हुआ करते थे. गठबंधन की सरकार होने के कारण दानिश अली की कई बार मायावती से मुलाकातें भी हुईं. फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती ने उन्हें अमरोहा से लोकसभा का टिकट दे दिया. तब समाजवादी पार्टी और बीएसपी का गठबंधन हुआ करता था.

मायावती के करीबी से लेकर दूरी तक

अमरोहा के रहने वाले दानिश अली चुनाव जीत कर पहली बार सांसद बने. दानिश अली देखते ही देखते ही मायावती के करीबी बन गए. सांसद बनने के बाद उन्हें लोकसभा में संसदीय दल का नेता बना दिया गया. संसद के बाहर मीडिया में बयान देने के कारण मायावती ने दानिश अली को हटा कर श्याम सिंह यादव को संसदीय दल का नेता बना दिया गया. इस घटना के बाद दानिश अली ने मायावती से माफी मांग ली थी. लेकिन कुछ ही महीनों बाद दानिश अली फिर मीडिया में बयान देने लगे.

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बीएसपी अध्यक्ष मायावती और पार्टी की ओर से कई बार मना करने के बाद भी दानिश अली लगातार बयान देते रहे. बीएसपी में मायावती ही प्रेस से बात करती हैं. इस पार्टी में कोई प्रवक्ता नहीं है. मायावती की नाराजगी के बावजूद दानिश अली का विपक्ष के दूसरे नेताओं के साथ उठना बैठना जारी रहा. दानिश अली की राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं से नजदीकी भी मायावती को बार बार खटक रही थी.

दानिश अली का अगला ठिकाना क्या

यही नहीं पटना जाकर दानिश अली तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिल आए. इन पर ये आरोप हैं कि वे चाहते थे कि मायावती भी विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में शामिल हो जाएं. जबकि मायावती बार-बार बीजेपी और कांग्रेस से बराबर की दूरी बनाए जाने की बात कहती रही हैं.

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माना जा रहा है कि दानिश अली अब कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं. साथ ही दानिश के राहुल गांधी और अखिलेश यादव से भी अच्छे रिश्ते हैं. मायावती के करीबी नेताओं का दावा है कि आने वाले समय में 2 से 3 और सांसदों के खिलाफ मायावती कार्रवाई कर सकती हैं. इससे पहले मायावती ने राहुल गांधी की तारीफ करने वाले सहारनपुर के मुस्लिम नेता इमरान मसूद को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.