Opposition Parties Meeting: ऐसे कैसे बीजेपी को रोक पाएंगी विपक्षी पार्टियां! आप-कांग्रेस के बीच नहीं बन रही बात

Opposition Parties Meeting: ऐसे कैसे बीजेपी को रोक पाएंगी विपक्षी पार्टियां! आप-कांग्रेस के बीच नहीं बन रही बात

पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिल्ली में कांग्रेस के प्रमुख चेहरे अजय माकन ने कहा, 'हमें आम आदमी पार्टी के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहिए.'' माकन ने यह भी आरोप लगाया कि बार-बार यह स्पष्ठ हुआ है कि आप का भाजपा-आरएसएस के साथ गहरा संबंध है.

बिहार की राजधानी पटना कई आंदोलनों की गवाह रही है. यहां का ऐतिहासिक गांधी मैदान भी बगावती रहा है. कभी NDA के खास रहे नीतीश कुमार ने 14 विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. हालांकि ये आसान नहीं होगा. क्योंकि सभी पार्टियों की महत्वाकांक्षाएं अलग हैं. कांग्रेस और आप के बीच चुनाव से पहले कोई समझौता होना बड़ी चुनौती होगी. दोनों पार्टी नेताओं की बातों पर अगर आप गौर करेंगे तो यही संकेत मिलता है.

शुक्रवार को पटना में राजनीतिक सरगर्मी रही. 14 विपक्षी पार्टी के नेता बीजेपी सरकार को रोकने के लिए एकजुट हो रहे थे. इसके सूत्रधार थे बिहार के सीएम नीतीश कुमार.विपक्ष की मीटिंग के एक दिन बाद यानी शनिवार को आप नेताओं को एक बात का अफसोस रहा. दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने राहुल गांधी ने हाथ जोड़कर एक टी मीटिंग (चाय पर बैठक)का अनुरोध किया था. ताकि मतभेदों को हल किया जा सके.

सीएम केजरीवाल की चाय पार्टी को नकारा

हालांकि सामने से सीएम केजरीवाल को कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. इतना ही नहीं कांग्रेस ने दिल्ली पर केंद्र सरकार के अध्यादेश की आलोचना करने से भी मना कर दिया.कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी ने अध्यादेश पर एक शब्द नहीं कहा. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी पटना में इस मुद्दे पर कांग्रेस की स्थिति की घोषणा नहीं की. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि किसी भी निर्णय से पहले पार्टी के भीतर इसकी चर्चा होनी चाहिए.

कांग्रेस से समझौता करना चाहती है आप

आम आदमी पार्टी कांग्रेस से एक समझौता करना चाहती है. वो चाहती है कि राज्यसभा में कांग्रेस आप का साथ दे ताकि केंद्र सरकार का अध्यादेश गिर जाए. आप नेताओं ने बार-बार कांग्रेस से अपील है कि वो अध्यादेश की निंदा करे. केजरीवाल ने पंजाब सीएम भगवंत मान, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और संजय सिंह के साथ विपक्ष की बैठख में भाग लिया था. कई पार्टी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस अध्यादेश का विरोध करे. लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया. केजरीवाल इस मामले में तुरंत ही कोई फैसला सुनना चाहते थे लेकिन अन्य नेताओं का विचार था कि इसके लिए समय दिया जाना चाहिए. आप नेताओं ने कहा कि अगर अध्यादेश पर विपक्षी नेताओं ने निंदा नहीं की तो पार्टी अन्य विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होगी.

कांग्रेस नेताओं ने किया विरोध

कांग्रेस के दो सीनियर लीडर्स ने कहा कि चुनाव से पहले आप से कोई समझौते की संभावना लगभग शून्य है. पार्टी तमिलनाडु, बिहार, केरल, महाराष्ट्र, झारखंड जैसे राज्यों में अपने मौजूदा गठबंधनों को मजबूत करने पर विचार करेगी और प्रयास करेगी. कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस तरह से आप कई राज्यों में कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है, उससे हमारे लिए गठबंधन पर विचार करना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि आप ने गोवा और कर्नाटक में चुनाव लड़कर बीजेपी की मदद की. दिल्ली और पंजाब में वो हमारे मुख्य प्रतिद्वंदी हैं. हम इन जगहों पर आप को सीटें नहीं दे सकते. दिल्ली कांग्रेस पहले से ही आप का विरोध कर रही है.