दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 699 उम्मीदवार, केजरीवाल के खिलाफ चुनावी मैदान में 22 सूरमा
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी. दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी सीटों के प्रत्याशियों के स्क्रूटनी और नाम वापसी के बाद, कुल 699 उम्मीदवार दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. सोमवार को नाम वापसी का आखिरी दिन था. नई दिल्ली विधानसभा सीट से 23 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जो सबसे ज्यादा है. वहीं सबसे कम पांच उम्मीदवार पटेल नगर और कस्तूरबा नगर से हैं.
चुनाव आयोग (ईसी) ने कहा कि 5 फरवरी के चुनाव में 70 दिल्ली विधानसभा सीटों पर कुल 699 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. आयोग के अनुसार, नॉमिनेशन की लास्ट डेट 17 जनवरी थी, जबकि जांच 18 जनवरी को की गई थी और नाम वापस लेने की लास्ट डेट 20 जनवरी थी.
नई दिल्ली सीट पर सबसे ज्यादा उम्मीदवार
ईसी से मिली जानकारी के अनुसार नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 23 उम्मीदवार हैं. इस सीट पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं बीजेपी ने परवेश वर्मा (पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे) और कांग्रेस ने संदीप दीक्षित (पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे) को इस सीट से मैदान में उतारा है.
पटेल नगर-कस्तूरबा नगर में सबसे कम उम्मीदवार
पटेल नगर और कस्तूरबा नगर में सबसे कम केवल पांच उम्मीदवार हैं. ईसी के अनुसार, इसके बाद तिलक नगर, करोल बाग, गांधी नगर, ग्रेटर कैलाश, मंगोलपुरी, त्रिनगर हैं, जिनमें से प्रत्येक में छह उम्मीदवार हैं. ग्रेटर कैलाश सीट के प्रमुख दावेदारों में आप के सौरभ भारद्वाज, बीजेपी की शिखा राय और कांग्रेस के गर्वित सिंघवी शामिल हैं. कस्तूरबा नगर सीट के प्रमुख दावेदारों में आप के रमेश पहलवान, बीजेपी के नीरज बसोया और कांग्रेस के अभिषेक दत्त शामिल हैं.
बीजेपी ने आप पर लगाया आरोप
जैसे-जैसे मतदान का दिन नजदीक आ रहा है, दिल्ली का राजनीतिक परिदृश्य गर्म होता जा रहा है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी, जिसने एक बार दावा किया था कि वह सख्त कानून पारित करने के लिए विधानसभा में अपराधियों को अनुमति नहीं देगी, उन्होंने सबसे अधिक संख्या में आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों की संख्या
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आम आदमी पार्टी कहती थी कि वे अपनी विधानसभा में अपराधियों को नहीं चाहते क्योंकि अपराधी महत्वपूर्ण और सख्त कानून पारित नहीं कर पाएंगे. लेकिन जब उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई तो यह पाया गया कि आम आदमी पार्टी में आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक लगभग 60 प्रतिशत है, उसके बाद कांग्रेस है. इसका मतलब है कि आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर यू-टर्न ले लिया है.
5 फरवरी को होगा मतदान, 8 को नतीजे
गौरतलब है कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी. दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है. इसके विपरीत, आप ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कुल 70 सीटों में से क्रमशः 67 और 62 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया, जबकि बीजपी को केवल तीन और आठ सीटें मिलीं.