बादल बाप-बेटे के इशारे पर ही सिखों पर बरसाईं थी गोलियां, बेअदबी का था मामला
बेअदबी मामले के बाद सिख समुदाय के लोग प्रदर्शन करने सड़क पर उतर आए थे, जहां कोटकपूरा में गोलाबारी हो गई थी. मामले की जांच कर रही पंजाब पुलिस की एसआईटी ने फरीदकोट अदालत में चार्जशीट दाखिल की है.
पंजाब पुलिस ने 2015 के श्री गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी मामले में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्यमंत्री और गृह विभाग के मंत्री रहे सुखबीर सिंह बादल और डीजीपी सुमेध सैनी के इशारे पर सिखों पर गोलियां चलाई गई थी. सिख समुदाय के लोग बेअदबी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जहां कोटकपूरा में पुलिस ने गोलाबारी की थी. मामले की जांच कर रही पंजाब पुलिस की एसआईटी ने सात साल बाद फरीदकोट अदालत में चार्जशीट दाखिल की है.
पंजाब पुलिस की एसआईटी ने केस में 7000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. इनमें 1400 पन्नों में आरोप दर्ज हैं और 5600 पन्नों में आरोपियों के खिलाफ की गई जांच को साबित करने के लिए सपोर्टिव डॉक्यूमेंट्स और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस भी दिए हैं. एसआईटी की अगुवाई पंजाब पुलिस के अधिकारी एलके यादव कर रहे थे. एसआईटी ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 324 और 504 के तहत आरोप तय किए गए हैं.
गुरु ग्रंथ साहिब से जुड़े तीन बेअदबी केस
बताया जाता है कि पंजाब पुलिस की एसआईटी तीन मामले की जांच कर रही थी. इनमें तीनों केस गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से जुड़ा था. पहले मामले में अज्ञात लोगों ने फरीदाकोट जिले के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गुरुद्वारे से पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी की थी. इसके तीन महीने बाद, बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में सिख धर्म, सिख प्रचारकों और गुरु ग्रंथ साहिब के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए दो पोस्टर पाए गए. तीसरे मामले में अज्ञात लोगों ने बरगाड़ी गुरुद्वारे के बाहर और गांव के आसपास की सड़कों पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के कुछ पेज फेंक दिए थे, जिससे सिख समुदाय के लोग भड़क गए.
6 जांच कमेटियां केस को सुलझाने में रही विफल
हैरानी की बात ये है कि इस बेअदबी केस को सुलझाने के लिए 6 अलग-अलग टीमें बनाई गई, लेकिन वे मामले को हल कर पाने में विफल रही. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस केस की जांच के लिए दो अलग-अलग ज्यूडीशियल कमिशन ऑफ एनक्वायरी, तीन पुलिस इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी और एक सीबीआई जांच भी की गई थी, लेकिन 6 उच्च जांच कमेटियों ने मिलकर भी कोटकपुरा गोलीकांड और गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के पीछे की सच्चाई सामने नहीं ला सकी थी. अब हालिया एसआईटी रिपोर्ट में कई बादल पिता-पुत्र को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है.